राजस्थान: हनुमानगढ़ में किसान आंदोलन की आग क्यों नहीं हो रही ठंडी?

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी (राठीखेड़ा) क्षेत्र में एथेनॉल प्लांट के विरोध में चल रहा आंदोलन चौथे दिन भी शांत नहीं हुआ है और इलाके में इंटरनेट सेवा अब भी बंद है

Hanumangarh Protest

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी (राठीखेड़ा) क्षेत्र में एथेनॉल प्लांट के विरोध में चल रहा आंदोलन चौथे दिन भी शांत नहीं हुआ है और इलाके में इंटरनेट सेवा अब भी बंद है। प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर रखा है, जबकि किसान संगठन प्लांट के निर्माण पर रोक और लिखित समझौते की मांग पर अड़े हुए हैं।​

आंदोलन की वजह: एथेनॉल प्लांट का विरोध

टिब्बी के राठीखेड़ा गांव में निजी कंपनी ‘ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड’ का एथेनॉल प्लांट निर्माणाधीन है, जिसका स्थानीय किसान पिछले करीब 15 महीनों से विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि

प्लांट से पानी और हवा दोनों प्रदूषित होंगे, खेती पर असर पड़ेगा और भूजल स्तर गिरने के साथ ज़मीन की उपजाऊ क्षमता भी कम होगी।​

किसान संगठन मांग कर रहे हैं कि या तो प्लांट को यहां से हटाया जाए या फिर पर्यावरणीय प्रभाव, मुआवज़ा और सुरक्षा उपायों पर किसानों से लिखित समझौता किया जाए।​

कैसे भड़का हिंसक प्रदर्शन?

मामला मंगलवार–बुधवार को उस समय बिगड़ गया, जब टिब्बी में महापंचायत के बाद हजारों की भीड़ प्लांट की ओर कूच कर गई।​

किसानों ने प्लांट की बाउंड्री वॉल को ट्रैक्टरों से तोड़ दिया, अंदर घुसकर निर्माण सामग्री को नुकसान पहुंचाया, कई वाहनों और मशीनरी को आग लगा दी और बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की।​

भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया; पत्थरबाजी में 24 पुलिसकर्मी और 12 प्रदर्शनकारी घायल हुए, जिनमें कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के सिर में भी चोट आई और उन्हें अस्पताल रेफर करना पड़ा।​

रात तक फैक्ट्री परिसर और आसपास के इलाके में हजारों किसान डटे रहे, जिसके बाद पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा।​

इंटरनेट बंद और सुरक्षा व्यवस्था

हिंसा और तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने टिब्बी कस्बे और आसपास लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं और बाजार भी एहतियातन बंद रहे।​​

इंटरनेट शटडाउन शुरू में महापंचायत से पहले ही लागू कर दिया गया था, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया; चौथे दिन भी सेवाएँ बहाल नहीं हुई थीं।​​

इलाके में चप्पे–चप्पे पर पुलिस, RAF और अन्य बल तैनात हैं, किसान संगठनों और प्रशासन के बीच वार्ता की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।​

किसान संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार/प्रशासन लिखित समझौता नहीं करता, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे, जबकि प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए नुकसान की भरपाई कड़ी धाराओं में मुकदमे दर्ज करके कराने की चेतावनी दी है। पुलिस अब तक 100 से अधिक लोगों पर केस दर्ज कर 40 से ज्यादा को हिरासत में ले चुकी है।

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