बेंगलुरु में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की को-ऑपरेटिव सोसाइटी में ₹70 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों के घरों और सोसाइटी के ऑफिस पर छापे मारे हैं। इस छापेमारी में काफी मात्रा में सोना, नकदी, वाहन और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
तलाशी के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपियों में से एक सीईओ जी. गोपीनाथ और पूर्व अकाउंटेंट बीएल जगदीश की पत्नी लक्ष्मी आर को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जांच जारी है। ये छापे राजराजेश्वरीनगर, जेपी नगर और अंजनापुरा इलाके में मारे गए। तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों और संपत्तियों के आधार पर घोटाले की गहराई का पता चल रहा है।
घोटाले की जांच तो तब तेज हुई जब सोसाइटी के अध्यक्ष और सेक्शन सुपरवाइजर सीजे मुरलीधर ने शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार, करीब 300 कर्मचारियों और रिटायर्ड सदस्यों से करोड़ों रुपये जमा किए गए, जिनका गलत तरीके से दुरुपयोग किया गया। शिकायत के बाद CID (अपराध जांच विभाग) भी इस मामले में शामिल हो सकता है।
यह घोटाला ना सिर्फ EPFO के कर्मचारियों पर भारी पड़ा है बल्कि देश की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को भी चुनौती देता है। विभागीय अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और मनी लॉन्ड्रिंग व भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
इस बड़े घोटाले से बचाव के लिए सरकार और EPFO प्रशासन ने भी आंतरिक नियंत्रण और निगरानी को और मजबूत करने की योजना बनाई है ताकि भविष्य में ऐसा कोई घोटाला न हो। साथ ही, कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।
