Predictions from Bhavishya Malika: भारत में सदियों पहले ऐसे कई संत हुए हैं, जिन्होंने आने वाले समय के बारे में गहरी बातें कहीं थीं। ऐसा ही एक नाम है संत अच्युतानंददास का, जो 16वीं सदी में हुए थे। उन्होंने भविष्य मालिका नाम की एक किताब लिखी थी जिसमें आने वाले समय के लिए बहुत सी चौंकाने वाली भविष्यवाणियां की गई थीं। माना जाता है कि संत अच्युतानंद भूत, भविष्य और वर्तमान की गहरी समझ रखते थे। उनकी कई भविष्यवाणियां पहले ही सच हो चुकी हैं।
पंचसखा और 318 किताबों की भविष्यवाणी
संत अच्युतानंद पांच महान संतों के समूह पंचसखा का हिस्सा थे। कहा जाता है कि इस समूह ने मिलकर कुल 318 किताबें लिखी थीं। इन्हीं में से एक थी “भविष्य मालिका”, जिसमें इंसानियत के भविष्य, कलियुग के प्रभाव और दुनिया में आने वाली आपदाओं का विस्तार से जिक्र है।
जगन्नाथ मंदिर से लेकर तीसरे विश्व युद्ध तक
इस किताब में जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी कुछ खास भविष्यवाणियां भी की गई थीं, जैसे, मंदिर में त्रिदेवों के वस्त्र जलेंगे, शिखर पर गिद्ध बैठेंगे और एक पुराना पेड़ गिर जाएगा। इसके अलावा किताब में बताया गया है कि 2030 से पहले धरती पर 7 दिन तक अंधेरा छा जाएगा, जिससे चारों तरफ हाहाकार मच जाएगा।
तीसरा विश्व युद्ध और मानवता की भारी तबाही
“भविष्य मालिका” के अनुसार दो बड़े देशों के बीच लंबे समय तक तनाव रहेगा, जो आखिरकार एक भयानक युद्ध में बदल जाएगा। इसे तीसरा विश्व युद्ध कहा गया है। इस युद्ध में इतनी तबाही होगी कि लोग कीड़ों की तरह मरेंगे और पूरी दुनिया की आबादी घटकर सिर्फ 64 करोड़ रह जाएगी।
दो सूरज और धरती की दिशा बदलने का दावा
एक और रहस्यमयी भविष्यवाणी में कहा गया है कि एक दिन आकाश में दो सूरज दिखाई देंगे। उनमें से एक सूरज जैसा पिंड बंगाल की खाड़ी में गिरेगा, जिससे ओडिशा पूरी तरह तबाह हो जाएगा। यह कलियुग के चरम का संकेत होगा।
तीन चरणों में होगा धरती का बदलाव
इस किताब के अनुसार, धरती का स्वरूप तीन चरणों में बदलेगा
पहला चरण: कलियुग अपने सबसे खतरनाक रूप में होगा।
दूसरा चरण: धरती पर विनाश आएगा भूकंप, सुनामी और प्राकृतिक आपदाएं।
तीसरा चरण: एक नया युग शुरू होगा जिसमें धरती की धूरी भी बदल जाएगी।
खेती का अंत और अकाल का डर
भविष्य मालिका में यह भी लिखा गया है कि एक समय ऐसा आएगा जब लोग खेती करना बंद कर देंगे। इससे बड़े पैमाने पर अकाल पड़ेगा और लोगों को खाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
कोरोना जैसी महामारी की भी भविष्यवाणी
बताया जाता है कि इस किताब में कोरोना महामारी जैसी बीमारी का भी जिक्र था, जो बाद में सच साबित हुई। यह दिखाता है कि इस किताब में कही गई बातें महज कल्पना नहीं, बल्कि सोचने लायक संकेत हैं।