Emotional Story : बेटे की पढ़ाई के लिए सब कुछ लुटाया, आज उसी बेटे का इंतज़ार कर रहे हैं पिता बरेली के वृद्धाश्रम में रह रहे 75 वर्षीय बुजुर्ग ने बेटे की खुशियों के लिए अपना सब कुछ खो दिया, लेकिन आज उनका बेटा उनसे मुंह मोड़ चुका है। बेटे की पढ़ाई के लिए बेचा घर,बरेली के राजेंद्र नगर में रहने वाले 75 साल के बुजुर्ग की कहानी दिल को छू लेने वाली है। एक समय था जब उन्होंने अपने बेटे को ऊंची शिक्षा दिलाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। बेटे को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेच दिया। लेकिन वही बेटा, जिसने पिता की उम्मीदों के सहारे अपने सपने पूरे किए, अब पिछले 10 साल से उनसे कोई संपर्क नहीं कर रहा।
आईटी इंजीनियर रहे, फिर सब कुछ बेटे के लिए छोड़ दिया
बुजुर्ग ने बताया कि वह पहले एक बड़ी आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करते थे। उनका करियर अच्छा चल रहा था। उन्होंने इकलौते बेटे को हमेशा बेहतर शिक्षा दी। जब बेटे ने विदेश में पढ़ाई की इच्छा जताई, तो उन्होंने बिना देर किए अपना घर बेचकर उसे ऑक्सफोर्ड भेज दिया। बेटे ने वहां पढ़ाई पूरी की, नौकरी की और शादी कर ली। शुरुआत में कभी-कभार फोन आता था, लेकिन अब वह भी बंद हो गया है।
पत्नी भी छोड़ गई,अब अकेले हैं
साल 2012 में पत्नी की मौत हो गई। तब से वह बिल्कुल अकेले हो गए। बेटे ने कह दिया था कि “आप यहां लंदन में नहीं रह पाएंगे”, और इसके बाद उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ गया। जाते-जाते वृद्धाश्रम का नंबर ले गया, लेकिन फिर कभी फोन नहीं किया।
बेटे की तस्वीर और पुराने खत बन गए सहारा
वृद्धाश्रम के संचालक गोपाल कृष्ण अग्रवाल बताते हैं कि ये बुजुर्ग रोज़ घंटों बेटे की तस्वीर और पुराने पत्रों को देखते रहते हैं। शायद मन में एक उम्मीद है कि कभी तो बेटा आएगा, हाल पूछेगा। वे बहुत कम बोलते हैं और गहरे दुख में खोए रहते हैं।
समाज के लिए एक आईना
इस तरह की कहानियाँ हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में रिश्तों की अहमियत कहीं खोती जा रही है। जिन बच्चों के लिए मां-बाप अपनी ज़िंदगी कुर्बान कर देते हैं, वही बड़े होकर उन्हें अकेला छोड़ देते हैं।