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Photography in ancient time : पुरुष क्यों बनवाते थे कोट में हाथ डालकर तस्वीर, जानिए क्या है पूरी कहानी

18वीं-19वीं सदी के पोर्ट्रेट्स में "कोट में हाथ डालने" का पोज बुद्धिमत्ता और शिष्टाचार का प्रतीक था। यह चलन प्राचीन ग्रीस से प्रेरित था, जहां दोनों हाथ दिखाना खराब माना जाता था। नेपोलियन से लेकर कार्ल मार्क्स तक ने इस पोज को अपनाया।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
December 12, 2024
in अद्भुत कहानियां
hand in coat pose
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Interesting facts behind specific posture of photography : क्या आपने 18वीं और 19वीं सदी के पोर्ट्रेट्स देखे हैं? अगर हां, तो आपने जरूर नोट किया होगा कि कई मशहूर हस्तियां जैसे नेपोलियन बोनापार्ट, जोसफ स्टालिन, और अन्य महान लोग अपने एक हाथ को कोट के अंदर रखते हुए पोज देते थे। यह केवल एक इत्तेफाक नहीं था, बल्कि इसके पीछे छिपा है इतिहास का बड़ा रहस्य।

क्यों शुरू हुआ था कोट में हाथ डालने का चलन?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस पोज की शुरुआत 1700 के आसपास हुई थी। टुडे आई फाउंड आउट वेबसाइट का जिक्र करते हुए बताया गया है कि प्राचीन ग्रीस में यह मान्यता थी कि बातचीत के दौरान दोनों हाथ दिखाना अशिष्टता का प्रतीक है। इसलिए, प्राचीन ग्रीक के संभ्रांत लोग अपने हाथ को अपने लबादे के अंदर रखते थे।

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इसी विचार ने 17वीं, 18वीं और 19वीं सदी के चित्रकारों को प्रभावित किया। उन्हें अपने चित्रों के सब्जेक्ट को ऐसा पोज देने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे बुद्धिमान और गंभीर नजर आएं। यह पोज खासकर उन लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया जो खुद को पढ़ा-लिखा और विद्वान दिखाना चाहते थे।

प्राचीन ग्रीस से कैसे जुड़ते हैं तार?

प्राचीन ग्रीस में महान वक्ता सोलोन और अन्य बुद्धिजीवियों के चित्रों में उन्हें अक्सर अपने हाथ को लबादे के अंदर रखते हुए दिखाया गया है। यह पोज न केवल एक तरह का फैशन स्टेटमेंट बन गया, बल्कि लोगों को यह संकेत भी देता था कि यह व्यक्ति विचारशील और वेल कल्चरड है।

17वीं और 18वीं सदी में चित्रकारों ने इसे अपनाया। उन्होंने अपने चित्रों में इस पोज को शामिल करना शुरू किया। इस पोज ने बुद्धिमत्ता और गंभीरता का प्रतीक बनकर तेजी से लोकप्रियता हासिल की।

फोटोग्राफी के दौर में जारी रहा ट्रेंड

19वीं सदी में जब फोटोग्राफी आई, तो भी यह पोज काफी लोकप्रिय रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन पीर्स और विचारक कार्ल मार्क्स जैसे लोगों ने इसी अंदाज में तस्वीरें खिंचवाईं। 20वीं सदी के शुरुआती दौर तक, यह ट्रेंड बना रहा।

1948 में, सोवियत संघ के नेता जोसफ स्टालिन ने भी इस पोज में तस्वीर खिंचवाई। हालांकि, जैसे-जैसे समय बदला, यह पोज कम होता गया और नए ट्रेंड्स ने इसकी जगह ले ली।

क्यों था यह पोज खास?

यह पोज न केवल एक फैशन स्टेटमेंट था, बल्कि यह व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, सोच और व्यक्तित्व को भी दर्शाता था। उस दौर में इसे अपनाना सामाजिक शिष्टाचार और उच्च वर्ग का प्रतीक माना जाता था। बाद में यह पोज फोटोग्राफी में भी लोकप्रिय रहा।

Tags: fashion trendsGreek influencehistory of art
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