Mango varieties and their origin stories : गर्मियों का मौसम आते ही हर किसी को आम का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह फल अपने खास स्वाद और मिठास की वजह से लोगों का सबसे पसंदीदा होता है। भारत में आम की कई किस्में पाई जाती हैं, और हर किस्म का अपना एक अलग नाम और कहानी होती है। आइए जानते हैं कुछ खास किस्मों के नाम कैसे पड़े और उनके पीछे की दिलचस्प कहानियां क्या हैं।
तोतापरी आम
यह आम अपनी अलग बनावट के लिए जाना जाता है। इसकी आकृति तोते की चोंच जैसी होती है, इसलिए इसका नाम ‘तोतापरी’ रखा गया। स्वाद में भी यह बेहद अनोखा होता है।
चौंसा आम
चौंसा आम का नाम बिहार के चौसा इलाके पर पड़ा। इतिहास के मुताबिक, शेरशाह सूरी ने चौसा में हुमायूं को हराने के बाद इस जीत की याद में अपने पसंदीदा आम को ‘चौंसा’ नाम दिया।
लंगड़ा आम
बनारस में एक लंगड़े व्यक्ति ने यह आम उगाया था। उसके द्वारा उगाए गए इस आम का स्वाद लोगों को इतना पसंद आया कि उसी व्यक्ति के नाम पर इसका नाम ‘लंगड़ा’ पड़ गया।
केसर आम
इस आम से केसर जैसी खुशबू आती है। कुछ मानते हैं कि जूनागढ़ के नवाब ने इसके गूदे का रंग देखकर इसे ‘केसर’ नाम दिया था, जो बाद में लोकप्रिय हो गया।
दशहरी आम
इस आम की शुरुआत लखनऊ के पास दशहरी गांव से हुई थी। अब्दुल हमीद खान कंधारी ने यहां इसकी खेती शुरू की थी, इसलिए इसका नाम ‘दशहरी’ रखा गया।
सिंधरी आम
यह आम पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सबसे पहले उगाया गया था। मीरपुर खास इलाके में इसकी खेती शुरू हुई, इसलिए इसे ‘सिंधरी’ कहा गया।
अल्फांसो आम
अल्फांसो या हापुस आम को पुर्तगाली सेनापति अफोंसो अल्बुकर्क के नाम पर रखा गया। गोवा में उन्होंने आम की खेती करवाई थी, और उनकी याद में इस आम का नाम ‘अल्फांसो’ पड़ा।
मालदा आम
यह आम पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में उगाया जाता है। इस इलाके के नाम पर ही इसका नाम ‘मालदा’ रखा गया।
दुधिया मालदा
इस खास किस्म की सिंचाई पानी से नहीं, बल्कि दूध से की जाती थी। लखनऊ के नवाब फिदा हुसैन इसे इस्लामाबाद से लाए थे। इसके फल में दूध जैसा रस निकलता है, इसलिए इसे ‘दुधिया मालदा’ कहा गया।