Ajab gajab kahaniyan : किसने मौत के बाद रहस्यमयी दुनिया देखने का किया दावा? कौन मर कर फिर लौट आए ज़िंदा

स्कॉट ड्रमोंड ने 20 मिनट की मृत्यु के दौरान मृत्यु के बाद की दुनिया का अनुभव किया। उन्होंने सुंदर स्थान, जीवन का फ्लैशबैक और ईश्वर जैसी शक्ति का एहसास किया, जो उन्हें वापस जीवन में ले आई।

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Scott Drummond near death experience मौत के बाद क्या होता है? यह सवाल हमेशा से इंसानों के मन में रहा है। किसी को स्वर्ग-नरक की कल्पना है, तो कोई पुनर्जन्म पर विश्वास करता है। लेकिन इन सबके बीच एक शख्स ऐसा भी है जिसने खुद मौत के बाद की दुनिया देखने का दावा किया है।

20 मिनट के लिए मरे और फिर लौट आए ज़िंदा

स्कॉट ड्रमोंड नाम के इस शख्स की उम्र अब 60 साल है। लेकिन जब वे 28 साल के थे, तो एक हादसे में उनके अंगूठे में गंभीर चोट आई। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। करीब 20 मिनट तक स्कॉट की सांसें थम चुकी थीं, लेकिन फिर वह चमत्कारिक रूप से जिंदा लौट आए।

नर्स की चीख और आत्मा का सफर

स्कॉट बताते हैं कि जैसे ही ऑपरेशन शुरू हुआ, उन्हें अपने शरीर से बाहर जाने का एहसास हुआ। उन्होंने नर्स को जोर-जोर से चिल्लाते देखा, जो कह रही थी, “मैंने उसे मार डाला!”। इसके बाद, उन्होंने खुद को एक शांत, हरे-भरे मैदान में पाया जहां फूल खिले थे और ऊँचे-ऊँचे पेड़ थे।

भगवान का एहसास और जीवन की झलक

स्कॉट का कहना है कि उनके पास कोई अदृश्य शक्ति थी, जिसे उन्होंने भगवान माना। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी का वीडियो एक ही पल में देखा जैसे एक फिल्म चल रही हो। उनके हर अच्छे-बुरे कर्म का मूल्यांकन हो रहा था। उन्हें लगा जैसे किसी ने मन ही मन उनसे कहा कि “अभी तुम्हारा समय नहीं हुआ है।”

एक टेलीपैथिक संदेश और वापसी

फिर एक बादल जैसी आकृति से एक मजबूत हाथ उनकी ओर आया और कहा, “तुम्हें वापस जाना है, अभी तुम्हें कई काम पूरे करने हैं।” इसके बाद स्कॉट की आत्मा फिर से उनके शरीर में लौट आई। होश में आने पर उन्हें बताया गया कि वे 20 मिनट तक मृत थे।

उस दुनिया को छोड़ना मुश्किल था

स्कॉट मानते हैं कि वह दुनिया बेहद शांत, खूबसूरत और सुकून देने वाली थी। वह वहां से वापस नहीं आना चाहते थे। लेकिन जो अनुभव उन्होंने किया, वो उनके जीवन का सबसे बड़ा सच बन गया।

डिस्क्लेमर:यह जानकारी व्यक्ति के व्यक्तिगत अनुभव और मान्यताओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी धार्मिक या वैज्ञानिक मत की पुष्टि करना नहीं है।

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