Landslide in j&K: बारिश और भूस्खलन से तबाही,वैष्णो देवी यात्रा रोकी गई, अब तक हुई कितने श्रद्धालुओं की मौत

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से 36 लोगों की मौत और 20 घायल हुए। वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई है। सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया, रेल-रोड यातायात प्रभावित है। बचाव कार्य जारी है।

Heavy Rain and Landslide in j&K: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की वजह से बड़ा हादसा हो गया, जिसमें अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालात को देखते हुए माता वैष्णो देवी की यात्रा को रोक दिया गया है।

मृतकों के परिवारों को मुआवजा

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 6-6 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने का आदेश दिया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी पीड़ित परिवारों को 9-9 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है।

नेताओं ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस दुखद घटना पर शोक जताया है। सभी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड

जम्मू में इस बार की बारिश ने 52 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अब तक 5,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। कई इलाकों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

रेल और सड़क यातायात प्रभावित

भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से जम्मू और कटरा से चलने वाली 50 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। वहीं, जम्मू-कटरा हाईवे और जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह मलबा गिरने से आवाजाही रोकनी पड़ी है। रेलवे ने साफ किया है कि कैंसिल ट्रेनों के यात्रियों को टिकट का पूरा पैसा वापस मिलेगा।

राहत और बचाव कार्य जारी

एनडीआरएफ और सेना की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। कटरा के अर्धकुंवारी इलाके में भी भूस्खलन से कई लोगों की मौत हुई है। वहीं, उधमपुर में एक पेट्रोल पंप मलबे में दब गया। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

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