Madhya Pradesh news: केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। सैलरी में 24% की बढ़ोतरी की गई है, साथ ही पेंशन में भी इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं, सांसदों को एरियर भी दिया जाएगा। यही नहीं, पूर्व सांसदों के वेतन, दैनिक भत्ते, पेंशन और अतिरिक्त पेंशन में भी बढ़ोतरी की गई है। इस संबंध में अधिसूचना 21 मार्च 2025 को जारी की गई, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी मानी जाएगी।
नई सैलरी और भत्तों की दरें
पहले सांसदों को हर महीने 1,00,000 रुपये वेतन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 1,24,000 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह, सांसदों को पहले प्रतिदिन 2,000 रुपये दैनिक भत्ता मिलता था, जो अब बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है।
पूर्व सांसदों को मिलने वाली पेंशन भी बढ़ाई गई है। पहले उन्हें 25,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती थी, जिसे अब 31,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसके अलावा, जिन पूर्व सांसदों ने पांच साल से अधिक समय तक सेवा दी है, उन्हें हर अतिरिक्त साल के लिए अब 2,500 रुपये की अतिरिक्त पेंशन मिलेगी, जो पहले 2,000 रुपये थी।
वेतन बढ़ाने का कानूनी आधार
सांसदों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी उसी प्रक्रिया के तहत की गई है, जैसे सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होती है। संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 3 की उप-धारा (2) के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह सांसदों की सैलरी और अन्य लाभों में संशोधन कर सके। आमतौर पर, महंगाई को ध्यान में रखते हुए इन दरों को बढ़ाया जाता है, ताकि सांसदों को होने वाले खर्चों का बोझ कम किया जा सके।
कब से लागू होगी नई सैलरी?
सरकार के मुताबिक, नई वेतन दरें 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होंगी। इसका मतलब यह है कि सांसदों और पूर्व सांसदों को अप्रैल 2023 से बढ़ी हुई सैलरी, भत्ता, पेंशन और अतिरिक्त पेंशन मिलेगी। इसके अलावा, उन्हें पिछली अवधि का एरियर भी दिया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई को देखते हुए यह बढ़ोतरी जरूरी थी, क्योंकि सांसदों को अपनी जिम्मेदारियों के तहत कई खर्च उठाने पड़ते हैं। उन्हें अपने क्षेत्र में जाना होता है, लोगों की समस्याएं सुननी होती हैं और कई प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभानी होती हैं। ऐसे में, यह बढ़ोतरी उनके काम को सुचारू रूप से करने में मदद करेगी।