PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के अंतर्गत न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र में उनके संबोधन से पहले एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया, जो भारत-अमेरिका के मजबूत सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करता है। भारतीय नृत्य, संगीत और कलाओं की शानदार प्रस्तुतियों ने अमेरिकी दर्शकों के साथ-साथ दुनियाभर के लोगों को भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता से रूबरू कराया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य, और बॉलीवुड की आधुनिक प्रस्तुतियों का विशेष संयोजन देखने को मिला। कथक, भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी जैसे पारंपरिक नृत्य रूपों के साथ-साथ आधुनिक नृत्यों और संगीत का भी समावेश किया गया। इन प्रस्तुतियों ने भारतीय कला की विविधता और समृद्धि का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, कार्यक्रम में भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ लोक संगीत की झलक भी देखने को मिली, जिसने भारतीय धरोहर और आधुनिकता के अद्वितीय संगम को दर्शाया।
भारत-अमेरिका संबंधों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्व
भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ दशकों में संबंधों की गहराई केवल राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी स्पष्ट दिखाई देती है। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ और सहयोग को और मजबूत करता है। अमेरिका में भारतीय प्रवासी समुदाय की बढ़ती उपस्थिति और उनकी सांस्कृतिक पहचान भी इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदर्शित हुई।
पीएम मोदी का संबोधन और वैश्विक मंच पर भारत की आवाज
प्रधानमंत्री मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाला संबोधन भारत के वैश्विक दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत करेगा। जलवायु परिवर्तन, वैश्विक शांति, डिजिटल प्रौद्योगिकी और विकासशील देशों की चुनौतियों पर प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण भारत की भूमिका को अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में प्रमुख बनाएगा। यह यात्रा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजनयिक वार्तालाप दोनों शामिल हैं, भारत के वैश्विक कद को और सशक्त करेगी।
सांस्कृतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण का संगम
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की सांस्कृतिक पहचान और उसकी कूटनीतिक सफलता दोनों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। भारत, जो एक विशाल सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए है, अब वैश्विक मंच पर अपने सांस्कृतिक कूटनीति के माध्यम से भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। इस कार्यक्रम ने भारत और अमेरिका के बीच न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों में एक नया आयाम जोड़ा। यह सांस्कृतिक आयोजन पीएम मोदी के वैश्विक प्रभाव और उनकी कूटनीतिक सोच का प्रतीक है।