Sunil jakhar : पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कहीं है। वह कल सदस्यता अभियान की मीटिंग में भी नहीं पहुंचे थे। सुनील जाखड़ एक हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे जिसके बाद उन्होंने नाखुश दिखाई थी। सुनील पंजाब में भाजपा हाईकमान की रणनीति से खुश नहीं है। हालांकि Sunil jakhar ने अभी तक लिखित में इस्तीफा नहीं दिया है।
जाखड़ किसी भी फोन कॉल्स का जवाब नहीं दे रहे हैं। उनके पर्सनल असिस्टेंट संजीव त्रिखा ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि “ऐसा कुछ नहीं है” और यह भी कहा कि जाखड़ बस हाल ही में व्यस्त और कम सक्रिय रहे हैं।
बीजेपी हाई कमान की रणनीति
बीजेपी हाई कमान के सूत्रों ने बताया की है कि जाखड़ ने राज्य में स्वतंत्र रूप से काम करने में असमर्थता जताते हुए पार्टी अध्यक्ष के रूप में काम न करने की इच्छा जताई है। लोकसभा चुनावों के बाद से जाखड़ ने राज्य की राजनीति में अपनी भागीदारी कम कर दी थी। उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति 3 सितंबर को चंडीगढ़ में बीजेपी राज्य बैठक में हुई थी, जिसमें पार्टी की सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई थी।
पार्टी के भीतर असंतोष
बीजेपी में लंबे समय से जुड़े सदस्य कांग्रेस से आए नेताओं के पार्टी में आने और महत्वपूर्ण पदों पर उनकी नियुक्तियों से नाखुश हैं। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “हम कांग्रेसवाद को बीजेपी में घुसने नहीं देंगे।”
जाखड़ और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के साथ-साथ बीजेपी नेता राणा सोढ़ी के बीच मतभेद की अफवाहें भी चल रही हैं। राणा सोढ़ी ने फिरोजपुर लोकसभा सीट जीती थी, और वे पहले कांग्रेस में जाखड़ के साथ थे। जाखड़ की हाल ही में एक महत्वपूर्ण बीजेपी राज्य बैठक में गैर-मौजूदगी ने उनके इस्तीफे की अटकलों को और तेज कर दिया है।
पार्टी नेताओं की प्रतिक्रियाएं
बीजेपी के राज्य महासचिव अनिल सारिन ने इस्तीफे की खबरों को “पूरी तरह से आधारहीन” बताया। उन्होंने कहा, “जाखड़ ने कल की बैठक में भाग नहीं लिया, लेकिन उनके लिए यह अनिवार्य नहीं था। उनका किसी से कोई मतभेद नहीं है और सबकुछ ठीक है।” वहीं, बीजेपी राज्य उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और केवल इतना कहा, “जल्द ही सब ठीक हो जाएगा।”