हरियाणा पुलिस ने वीआईपी सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए राज्यभर में 72 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली है। ताज़ा खतरा आकलन (थ्रैट परसेप्शन) और एक्सटॉर्शन कॉल्स की समीक्षा के बाद लिए गए इस फैसले से 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी वीआईपी ड्यूटी से मुक्त होकर सामान्य कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण कार्यों में लगाए जाएंगे।
कैसे हुई समीक्षा और किसकी सुरक्षा हटी?
डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर जिले‑स्तर पर सुरक्षा समीक्षा बैठकों में उन सभी लोगों की लिस्ट देखी गई जिन्हें अब तक थ्रैट या उगाही की आशंका के आधार पर पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) या गनमैन दिए गए थे। पहले राज्य में 257 लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी।
समीक्षा के बाद 72 व्यक्तियों की सुरक्षा पूरी तरह हटा ली गई और उनके साथ तैनात 201 पीएसओ वापस बुला लिए गए।
सिर्फ फरीदाबाद में 13 लोगों से सुरक्षा हटाकर 16 पीएसओ, पलवल में 13 से सुरक्षा हटाकर 32 पीएसओ, अंबाला में 8 से 32, करनाल में 8 से 29, झज्जर में 9 से 19 और गुरुग्राम में 6 से 12 पीएसओ वापस लिए गए।
जिस सूची से सुरक्षा हटाई गई है, उसमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों खेमों से राजनीतिक चेहरे, कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और बिजनेस वर्ग के लोग शामिल हैं। जेजेपी के दिग्विजय चौटाला, प्रदेश अध्यक्ष बृज शर्मा समेत कुछ नेताओं की सुरक्षा हटने के बाद इस फैसले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू हो गई है।
DGP का तर्क: ‘स्टेटस सिंबल’ के लिए नहीं मिलेगी सुरक्षा
डीजीपी ओपी सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब सुरक्षा केवल उन्हीं को दी जाएगी जिन्हें वास्तविक खतरा है, सुरक्षा को ‘स्टेटस सिंबल’ की तरह इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि आगे से जिला स्तर पर नियमित अंतराल (लगातार/साप्ताहिक) पर थ्रेट रिव्यू किया जाएगा और ज़रूरत के मुताबिक सुरक्षा दी या वापस ली जाएगी।
पुलिस का कहना है कि वीआईपी ड्यूटी में बड़ी संख्या में फोर्स फंसी रहने से थाना–लाइन वाले कामकाज प्रभावित होते हैं; अब ये 200 से ज्यादा जवान अपराध नियंत्रण, पेट्रोलिंग और पब्लिक ऑर्डर में बेहतर तरीके से इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
वहीं, दिग्विजय चौटाला जैसे कुछ नेताओं ने इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार उनकी रैलियों से घबराकर सुरक्षा हटा रही है और DGP “तानाशाह की तरह” काम कर रहे हैं; पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है और फैसले को पूर्णतः पेशेवर बताया है।



