दो साल से भी ज्यादा का समय हो गया। पर कोरोना से कभी पीछा नहीं छूटा. कभी कोरोना की पहली लहर आती हैं। तो कभी तीसरी। बीते हुए इस टाइम को देखकर लगता था कि कोरोना कभी जाएगा ही नहीं। जब -जब लगता था की कोरोना गया तब-तब ये फिर से लौट आता था। ढाई साल से हम लोग कोरोना के खौफ से जी रहे हैं। कोरोना से बचने के लिए हम लोगो ने नहीं पता क्या नहीं किया है। और फाइनली अब कोरोना चला ही गया। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कोरोना तकरीबन खत्म हो चुका है। सोमवार को दो हजार से ज्यादा सैंपलों में जांच में कोई भी नया मरीज नहीं मिला। चलो भई कोरोना से अब जाके पीछा तो छूटा। पर कोरोना हमें मास्क लगाना जरूर सीखा गया।
टीबी खत्म करने का लक्ष्य
याद रहे मास्क पहनना बिलकुल न भूले। कोरोना गया इसका ये मतलब नहीं है कि आप अब मास्क उतर के फेक दे। मास्क हमे सिर्फ कोरोना से ही नहीं बचाता बल्कि टीबी से भी बचा रहा है। मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. अरविंद ने बताया कि भारत में 2025 तक टीबी खत्म करने का लक्ष्य है, जिसकी दिशा में मास्क बड़ी मदद कर सकता है। अब आप कोरोना खत्म होता देख मास्क उतारकर फेंक मत देना। मास्क आपको कोरोना के अलावा टीबी, सीजनल फ्लू और परटोसिस से भी बचा रहा है।
प्रदूषित हवा से बचाव
जानकारी के मुताबिक पिछले ढाई साल में टीबी के नए मरीजों की संख्या में गिरावट मिली हैं। डाक्टरों का कहना है कि मास्क पहनने से प्रदूषित हवा से भी फेफड़ों को बचाव मिलेगा। औद्योगिक चिमनियों, मोटर का धुआं व उखड़ी सड़कों की धूल से सांस एवं फेफड़ों की घातक बीमारियां हो रही हैं। मास्क इन सबसे बचाएगा। दूषित हवा में सांस लेने से फेफड़े की आक्सीजन भंडारण क्षमता भी गिरती है, ऐसे में मास्क जरूर पहनें। एक बात हमेशा याद रखे दवा से अच्छा परहेज हैं।
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