Hijab Row: ईरान में हिजाब को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही महिलाएं 9 दिनों से सड़कों पर हैं. आलम यह है कि हिजाब के विरोध में धार्मिक कानून के खिलाफ ये तीन शब्द ‘जिन, जां, आजादी’ इस समय हर शहर में गूंज रहे हैं. जिसका मतलब औरत, जिंदगी और आजादी है. इसकी शुरुआत 16 सितंबर को 22 साल की लड़की महसा अमिनी की मौत के बाद हुई थी. महसा को सिर ठीक से न ढकने के लिए हिरासत में लिया गया था.
इस बीच सरकार भी प्रदर्शन से निपटने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. लेकिन निशाने पर महिलाएं हैं. विरोध का चेहरा बनने वाली महिला कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है. वे कहां हैं, कोई नहीं जानता. इसी तरह की फायरिंग में अबतक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कुर्दिस्तान में ही 15 लोगों की मौत हो गई और करीब 750 लोग घायल हो गए. जबकि 1000 ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है.
4 महिलाओं की हत्या की पुष्टि
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चार महिलाओं की हत्या की पुष्टि की है. इनके नाम हदीस नजफी, गजाला चेलावी, हनाना किया और माहशा मोगोई बताए गए है, इन सभी को गोली मार दी गई. कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें ईरानी सेना घरों पर हमले कर रही है. दरवाजों से गोलियां चला रही है. इंटरनेट बंद होने से बाहरी दुनिया को पुलिस की कार्रवाई के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल रही है.
तेहरान के चौराहों पर खुले सिर निकलीं महिलाएं
वहीं राजधानी तेहरान के मुख्य चौराहों पर महिलाएं निकल आई और अब उनके साथ पुरुष भी हैं. इसका असर देश के सभी 31 प्रांतों में पहुंच गया है. महिलाओं ने हिजाब तो निकाल ही दिया है, मगर ईरान के सत्ता को चुनौती दी है, और अपने बाल भी काट दिए हैं. कुर्दों के अधिकारों के लिए काम करने वाले मानवाधिकार संगठन हेंगव से जुड़ी अज़िन शेखी कहती हैं- प्रदर्शनों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं. वे सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटा जाएगा- राष्ट्रपति
शुक्रवार को कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों ने ईरान में हिजाब के विरोध में मार्च निकाला था. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटा जाएगा. ईरान में स्थिति की निगरानी कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने बताया कि सभी कुर्द-बहुल शहरों में सुरक्षा बल बहुत अत्याचार कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को गोली मारी जा रही है. पुलिस के जवान बंद घरों पर गोलीबारी कर रहे है.
सरकार ने बंद कर दिया था इंटरनेट
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे 20 वर्षीय हदीस नजफी के पुलिस फायरिंग में मारे जाने की खबर है. उनकी मौत से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. दरअसल शनिवार को हदीस तेहरान से कुछ दूर स्थित कराज शहर में कई महिलाओं के साथ विरोध कर रहीं थीं, इस दौरान पुलिस ने उन्हें 6 गोलियां मारी थी. प्रदर्शनों से घबराए और ईरान की कट्टरपंथी सरकार ने कुछ दिन पहले इंटरनेट बंद कर दिया था.
20 साल की स्टूडेंट नजफी को 6 गोलियां मारी
इंटरनेट बंद होने के कारण वहां से बहुत कम जानकारी निकल कर सामने आ रही है, पुलिस हिरासत में मेहसा की मौत के बाद विरोध प्रदर्शनों की कमान संभालने वाली महिलाओं या लड़कियों में नजफी सबसे आगे थीं और इसी वजह से वो इब्राहिम रईसी सरकार की आंखों की किरकिरी बनी हुई थीं. 20 साल की स्टूडेंट नजफी ने पुलिस के सामने भी हिजाब नहीं पहना था और उनके सामने ही काट दिए थे. ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन के दौरान शनिवार को करज में मॉरल पुलिस ने नजफी को 6 गोलियां मार दी थी.
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