खबर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से है, जहां बीआरडी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक को स्वाइन फ्लू हो गया है। कोविड-19 महामारी के बाद इस सीजन में स्वाइन फ्लू का पहला केस मिला है। यूपी में महामारी की तरह फैले स्वाइन फ्लू ने पूर्वांचल में एक बार फिर से दस्तक दे दी है। बता दें कि पीड़ित को 7 दिनों से बुखार आ रहा था और उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है। जिसके चलते महकमे में अलर्ट जारी हो चुका है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. रीना श्रीवास्तव ने बताया कि स्वाइन फ्लू के अधिकतर लक्ष्ण कोविड-19 महामारी के लक्ष्ण से मिलता-जुलता है। इसीलिए सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र का संक्रमण है। अधिकतर लोगों में यह बीमारी मरीज के खांसने, छींकने आदि से फैलती है। ऐसे लोगों को बीमारी का खतरा अधिक होता है, जो लोग मरीज से तीन फीट के दायरे में होते हैं। तीन से छह फीट के दायरे में इसकी आशंका अपेक्षाकृत कम होती है। छह फीट के बाद यह नहीं के बराबर होती है। इसके अलावा वायरस की संक्रमित बूदें टेबल, कंबल, तकिये, मोबाइल, बिस्तर इत्यादि पर पड़ी रहती हैं। इससे हाथ संक्रमित हो जाता है और संक्रमण की वजह बनता है।
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. वीके सुमन के अनुसार सामान्य मरीजों को घर के एक ही कमरे में रहना चाहिए। हाई रिस्क ग्रुप के लोगों के अलावा मरीजों और तीमारदारों पर भी खास ध्यान देना चाहिए। घर के अंदर की तरफ खुलने वाले दरवाजे और खिड़कियां बंद रखनी चाहिए। गंभीर रूप से बीमार को अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।