प्रयागराज के झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मुसम्बी का जूस चढ़ाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हॉस्पिटल के मालिक मालती देवी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अवैध निर्माण की सुनवाई के बाद कानूनी कार्रवाई करने के PDA एडवोकेट के आश्वासन के बाद छः हफ्ते के लिए अस्पताल भवन ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
PDA ने कहा उपशमन प्रावधानों पर विचार करने के बाद अवैध अशमनीय अंश ही गिराया जाएगा। कोर्ट ने आपत्ति पर सुनवाई के बाद चार हफ्ते में निर्णय लेने का पी डी ए को निर्देश दिया है और छः हफ्ते या निर्णय होने तक ध्वस्ती करण कार्रवाई पर रोक लगा दी।
मामले को आवश्यक मानते हुए छुट्टी में विशेष अदालत बैठी और याचिका की सुनवाई कर राहत दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने मालती देवी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आशुतोष मिश्रा और अभय नाथ श्रीवास्तव के बीच बहस हुई। याची का कहना है कि उसने पीपलगांव, प्रयागराज में जमीन खरीदी और निर्माण कराया। जिसके 18 कमरे श्याम नारायण को 50 हजार रूपये प्रतिमाह किराये पर दिया। इसी में ग्लोबल हास्पिटल चल रहा है।
बता दें कि यह पूरी घटना उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की है। जहां झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मुसम्बी का जूस चढ़ा दिया गया। जिसके बाद मरीज की मौत हो गई। सोशल मीडिया पर इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया, जिसके बाद कड़ा एकशन लेते हुए अस्पताल को सील कर दिया गया। अधिकारियों की मानें तो मरीज प्रदीप पांडेय की हालत बिगड़ने के बाद उसे शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोप है कि प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज की तबियत खराब होने लगी और देखते ही देखते उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों का कहना है कि मरीज को अस्पताल लाने पर डॉक्टरों ने कहा- प्लेटलेट्स चढ़ाना होगा। 9000 रुपये खर्च कर प्लेटलेट्स भी खरीदा, लेकिन इसकी जगह मरीज को जूस चढ़ा दिया गया। इस घटना के बाद यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर लिखा ‘जनपद प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल अस्पताल द्वारा डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मोसम्बी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो को संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिए आदेशों के क्रम में अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया है और प्लेट्लेट्स पैकेट को जांच के लिए भेजा गया है।
वहीं, दूसरी ओर हॉस्पिटल के मालिक ने कहा कि, ‘प्रदीप पांडेय डेंगू से पीड़ित था और वह उनके अस्पताल में भर्ती हुआ था। मरीज के प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 आने पर, उसके घरवालों को प्लेटलेट्स लाने को कहा गया। पांच यूनिट प्लेटलेट्स लेकर आए, लेकिन तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज को दिक्कत हुई तो चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाना बंद कर दिया।
उन्होंने बताया कि यदि अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्लेटलेट्स की जांच करने की कोई सुविधा उनके अस्पताल में नहीं है। उन्होंने कहा जो प्लेटलेट्स मरीज को नहीं चढ़ाए गए, उनकी जांच कराई जानी चाहिए कि ये प्लेटलेट्स कहां से लाए गए। प्लेटलेट्स की बोतल पर एसआरएन का स्टिकर लगा हुआ है।