उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों काफी हलचल देखने को मिल रही है। जहां भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रच 2022 विधानसभा में बहुमत के साथ घर वापसी की। तो वहीं पार्टी में अब हो रही बगावत पर विपक्ष भी सरकार पर जमकर हमला बोल रहा हैं। पार्टी में अपने ही लोगों के बीच उठ रहे सवाल को लेकर धामी सरकार कटघरे में आ गयी हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनों के ही निशाने पर आ गये हैं। वो चाहें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हों या फिर तीरथ सिंह रावत दोनों के ही बयान धामी सरकार की परेशानियां बढ़ा रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष बयानों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मिले
दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयानों से पार्टी का मामला अब केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व त्रिवेंद्र रावत के हाल में आए बयानों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दोनों नेताओं के बयानों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से मिले। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है अगर दोनों नेताओं को किसी मामलें में आपत्ति है तो वह पार्टी फोरम में अपनी बात रखें न कि सार्वजनिक मंच पर अपनी बात रख कर पार्टी की इमेज को खराब करें ।
तीरथ सिंह रावत का बयान सोशल मीडिया पर वायरल
पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने यूपी कमीशनखोरी की प्रथा प्रचलित को लेकर उत्तराखंड में भी सवाल उठायें हैं। जिसके बाद से ही तुरन्त वक्त जाहिर किये बिना पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान भी सोशल मीडिया पर छाने लगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने धामी सरकार को घेरते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी उनके कार्यकाल में देश में 9वें स्थान पर था लेकिन आज स्मार्ट सिटी का जो हाल हो रहा है उससे सरकार की छवि खराब हो रही है।
विपक्ष ने भी उठाये सवाल, सरकार की बढ़ी टेंशन
विपक्ष ने भी सवाल उठाते हुए धामी सरकार को कठघरें में ले लिया है। लगातार पार्टी के अंदर उठ रहें बयान बाजी के चलते विपक्ष सरकार से जवाब मांगने की मांग कर रहा है। त्रिवेंद्र और तीरथ सिंह रावत दोनों का यह बयान रातों-रात सोशल-मीड़िया पर खूब वायरल हुआ। आलम यह है कि कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर सरकार को घेरने में लगी है। जिससे सरकार की टेंशन और बढ़ गई है।