श्री राम का नारा अब राजनीतिक नारा बन गया है। राजनीति करने वाले लोगों की भावनाओं का मजाक बना रहे हैं। सियासी पार्टियों ने भगवान राम तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने भगवान राम को भी राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। दरअसल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के श्री राम वाले बयान पर अब विवाद छिड़ गया है। शुक्रवार को उन्होंने भाजपा और RSS को जय श्री राम और जय सिया राम में फर्क बताते हुए जय सियाराम कहने की नसीहत दी थी। अब भाजपा ने उनके बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया है। एक तरफ शहनाजवाज हुसैन ने राहुल को इलेक्शन हिंदू बताया तो वहीं यूपी के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने उन्हें नाटक मंडली का नेता करार कर दिया।
‘हम सियाराम बोलते है और…’
बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 2 दिसंबर को मध्य प्रदेश को आगर-मालवा में थी। इस दौरान वह ‘जय श्रीराम’, ‘जय सियाराम’ और ‘हे राम’ के नारों की अपने अंदाज में व्याख्या करते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि जय सियाराम का मतलब है जय सीता और जय राम, यानी कि सीता और राम एक ही हैं। इसलिए नारा लगाया जाता है जय सियाराम या जय सीताराम। भगवान राम सीता जी की इज्जत के लिए रावण से लड़े थे। हम जयसिया राम कहते हुए समाज में हर महिला का सीता की तरह आदर करते हैं।
‘बीजेपी जय श्रीराम क्यों करते हैं, जय सियाराम और हे राम क्यों नहीं’
तो वहीं उन्होंने कहा कि जय श्रीराम का नारा लगाते हुए हम राम भगवान की जय कहते है। राहुल गांधी ने कहा कि पंडित जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में बीजेपी से पूछिए कि जय श्रीराम ही क्यों करते हैं, जय सियाराम और हे राम क्यों नहीं करते।
राहुल ने कहा कि भगवान राम ने जिस भावना से अपनी जिंदगी जी, RSS और भाजपा के लोग, उस भावना से जिंदगी नहीं जीते हैं। क्योंकि भगवान राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। श्री राम ने समाज को जोड़ा और सबको इज्जत दी। लेकिन ये लोग भगवान राम के जीने के तरीके को नहीं अपनाते। वो कभी सियाराम या सीताराम नहीं कर सकते। क्योंकि उनके संगठन में महिला नहीं तो वो जयसिया राम का संगठन ही नहीं। उन्होंने अपने संगठन से सीता को बाहर कर दिया। राहुव ने कहा कि ये बातें मुझे सड़क पर एक पंडित जी ने कही।
‘सीता जी का अपमान न करें’
उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि मैं RSS के लोगों से कहना चाहता हूं कि जय श्रीराम, जय सियाराम और हे राम का बोला करें। सीता जी का अपमान न करें। उन्होंने कहा कि गांधी जी का नारा था हे राम। हे राम का मतलब है कि राम जीने का एक तरीका था। वह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे। उन्होंने पूरी दुनिया को प्यार, भाईचारा, इज्जत, तपस्या, से जीने का तरीका सीखाया। गांधी जी हे राम इसलिए कहते थे भगवान राम हमारे दिल में है। उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीनी है।
BJP का पलटवार…
अब राहुल के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी नाटक मंडली के नेता हैं। कोट के ऊपर तो वह जनेऊ पहनते हैं। सच तो ये है कि उनको भारत की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं पता है। जानता ने इनको नकार दिया है इसलिए वह अब गली-गली दौड़ रहे हैं।
केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बीजेपी ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जय श्रीराम न सही तो जय सियाराम बोलने के लिए तो विवश कर ही दिया। ये भाजपा की वैचारिक विजय है और कांग्रेसी विचारधारा की हार। अभी तो आपसे जय श्री राधारानी सरकार की और जय श्रीकृष्ण भी कहलवाना है।
‘जरा इतिहास खोल कर देखो’
इस बीच MP के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल बाबा का ज्ञान बाबा-बाबा ब्लैक शीप तक ही सीमित रह गया है। उन्होंने कहा कि राम की शुरुआत श्री से ही होती है। श्री का मतलब है कि वह विष्णु भगवानजी की पत्नी लक्ष्मी और सीता जी के लिए इस्तेमाल होता है। जरा इतिहास खोल कर देखो। भाजपा नेता शहनावाज हुसैन भी पीछे नहीं रहे उन्होंने राहुल गांधी इलेक्शन हिंदू कह कर संबोधित किया हैं।