उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली -2023 में इस पर खास प्रावधान होने जा रहा है। बता दें कि 1958 की मौजूदा नियमावली में इस बात का कोई प्रावधान नहीं है। अब इस पर स्पष्ट नियम बनेंगे। नए नियम के तहत विधानसभा की कार्यवाही का अगर बिना अनुमति सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण किया तो उसका कहीं भी और कभी भी उपयोग करना असंवैधानिक होगा। सदन की किसी घटना का लाइव प्रसारण हो भी गया तो भी उसे विधानसभा की कार्यवाही से बाहर माना जाएगा और उसका उपयोग अनुचित होगा।
नियमावली में बड़े बदलाव की जरूरत क्यों
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन में ई-विधान लागू होने, सोशल मीडिया का प्रचलन बढ़ने और नियमों को सरल करने के साथ ही विपक्ष को अपनी बात कहने का ज्यादा वक्त देने के लिए मौजूदा नियमावली में बड़े बदलाव की जरूरत महसूस की। इसलिए नई नियमावली पर काम तेजी से चल रहा है और अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में इसे पास कराने के लिए पेश किया जाएगा।
जिस तरह से लोकसभा और राज्यसभा में इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम का प्रावधान है वैसे ही अब विधानसभा में सदस्यों का मत लेने के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम लगेगा। तब सदस्यों को सरकार के बहुमत के परीक्षणकी कभी नौबत आने पर केवल अपनी मेज के आगे लगे इलेक्ट्रानिक बटन दबाना होगा और सामने स्क्रीन पर क्षण भर में ही सरकार व विपक्ष को मिले मत पता चल जाएंगे। अभी ऐसी स्थिति में पर्ची में नाम लिख कर मतपेटिका में डालने की व्यवस्था है।
- संशोधन के बजाए नई बन रही है यूपी विधानसभा की नियमावली
- सदन को बुलाने से पहले सदस्यों को अब 15 दिन के बजाय 7 दिन पहले ही सूचना दी जाएगी
- सदस्यों को अपनी हाजिरी अपने टैबलेट में थंब इंप्रेशन से लगाने का प्रावधान होगा
- सदन स्थगित होने के 15 दिन बाद ही नए सत्र के लिए सवाल लगा सकेंगे सदस्य
- सदन में बजट प्रस्तुत होने पर ऑनलाइन ही मिलेगी प्रतियां
बता दें कि विधानसबा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के मार्गदर्शन में कमेटी नई नियमावली बनाने पर काम कर रही है। इसके लागू होने से सदन की गरिमा और बढ़ेगी। जनहित के निर्णय लेने में और सहूलियत होगी। अगले सत्र में नियमावली सदन के सामने रखी जाएगी।