हिजाब लगातार विवादों में बना हुआ है। कर्नाटक से शुरु हुआ हिजाब विवाद ना सिर्फ भारत में बल्कि इसका शोर ईरान तक आग की तरह फैला गया था। लेकिन ईरान में हिजाब को लेकर लगातार प्रोटेस्ट चल रहा है। वहां पर कुछ महिलाएं हिजाब ना पहनने की मांग कर रही हैं। इस संबंधी में 22 साल की महसा अमीनी की मौत भी हो चुकी है। उसके बाद से ही इस प्रोटेस्ट में ज्यादा इजाफा हो गया था। वहां पर आज भी कई मौलवी का कहना है कि हिजाब कानून रहना चाहिए।
वहीं इस मामले में इमाम और मौलवियों ने हदें पार कर दी हैं। एक मौलवी तो यह कह चुका है कि अगर इन्होंने अभी हिजाब नहीं पहना तो गर्मी में ये कपड़े उतार देंगी। वहीं एक इमाम का कहना है कि इनकी ही वजह से बारिश नहीं हुई। मौलवी का ये बयान ईरान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका कहना है कि लोगों को गलत तरीके से हिजाब पहनने वाली महिलाओं को अलर्ट करना चाहिए और उनके खिलाफ चुपचाप नहीं बैठना चाहिए। नहीं तो महिलाएं और लड़किया गर्मियों में बिना कपड़ो के सड़को पर आ जाएंगी।

आपको बता दें कि ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ लड़कियों को गलत तरीके से हिजाब पहनने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। अमीनीके समर्थन में आकर कई महिलाओं ने भी हिजाब पहनना बंद कर दिया था और वो रुढ़िवादी नियमों के खिलाफ खुलकर विरोध कर रही हैं और उन नियमों को तोड़ भी रही हैं।
पिछले महीने ईरान के एक इमाम ने कहा था कि महिलाओं ने हिजाब नहीं पहना इसलिए बारिश नहीं हुई। वहीं उन्होंने महिलाओं को दोषी ठहराते हुए कहा था कि इनकी वजह से ईरान में जस संकट आ गया है। इसके अलावा ईरान के सुप्रीम लीडर के करीबी मोहम्मद मेहदी हुसैनी हमदानी ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हिजाब के नियमों को तोड़कर महिलाओं ने देशभर में बारिश की कमी पैदा कर दी है। इमाम का कहना है कि जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनती हैं, उन्हें सजा होनी चाहिए।