लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बता दें कि दिल्ली में सुनवाई को मामले को लेकर कोर्ट के दरवाजा पर पहुंचे तेजस्वी यादव को अदालत ने 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। बता दें कि सीबीआई ने कोर्ट में कहा- वह मार्च में तेजस्वी को गिरफ्तार नहीं करेंगे। CBI ने अदालत से कहा कि हमारा उन्हें गिरफ्तार करने का इरादा नहीं है। हम चाहते हैं कि वे पेश हों, क्योंकि उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाने हैं। अगर वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होते हैं, तो उससे कोई फायदा नहीं होगा।
बता दें कि तेजस्वी ने कोर्ट में कहा कि बिहार में बजट सत्र चल रहा है। ऐसे में वे बार-बार पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं आ सकते हैं। इस पर CBI ने कहा कि शनिवार को बजट सत्र नहीम होता। वे अस दिन आ सकते हैं। साथ ही एजेंसी ने भरोसा दिलाया कि फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। CBI ने 28 फरवरी, 4 मार्च और 11 मार्त को तेजस्वी यादव को समन जारी किया था। वही जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की अदालत में अस पर सुनवाई हो रही है। तेजस्वी ने याचिका में कहा सिआरपीसी की धारा 160 के उल्लंघन में उन्हें परेशान करने की नीयत से नोटिस जारी किया गया है। वे तो कथित अपराध के समय नाबालिग थे।
क्या है पूरा मामला?
सीबीआई का आरोप है, यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है. सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थी.