राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आज सुबह से किसानों की महापंचायत जारी है। इसे लेकर कुछ देर पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई। जिसमें किसान नेताओं ने कृषि मंत्री को मांग पत्र सौंपा। कृषि मंत्री ने मांग पत्र दी गई बिजली बिल वाली मांग मान ली है। वहीं सरकार ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान का मुआवजा भी देगी। MSP, मुकदमों के अलावा किसान शहीदों को जल्द सहायता दी जाएगी।
‘करें आंदोलन की तैयारी’
मिली जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल को किसानों की मीटिंग होगी। वहीं किसान 2020 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी में है। इसके लिए किसान नेताओं ने सभी को अपने-अपने राज्यों में जाकर आंदोलन की तैयारी करने को कहा। किसान नेता ने कहा कि ”हर राज्यों में संयुक्त किसान मोर्चा बन चुका है। आंदोलन की तैयारी की घोषणा की जाती है।”
‘कृषि मंत्री से बातचीत का रिजल्ट क्या है आंदोलन आंदोलन…’
वहीं इस बीच किसान नेता राकेस टिकैत ने कहा कि ”डेढ़ साल बाद दिल्ली आए। एक संदेश गया कि सरकार से आज जो बातचीत शुरू हुई लेकिन रिजल्ट क्या है आंदोलन आंदोलन… करना पड़ेंगे। राज्यों की कमेटी को आंदोलन करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह जमीन फसल बचाने का आंदोलन होगा। देश की आजादी 90 सालो तक चली है। जिसे हमारे पूर्वजों ने देखा है। अगर MSP की गारंटी चाहिए तो 13 महीने चले आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन करना होगा। संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों पर ED के छापे पड़ रहे हैं। ये लोगों को डराने धमकाने का काम करते हैं।”
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले फिर जुटे हजारों किसान
बता दें कि 3 साल बाद आज दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हजारों किसान फिर जुटे हैं। किसानों की रामलीला मैदान में महापंचायत सुबह 10 बजे से शुरू हुई थी। इस महापंचायत में 11 राज्यों से ऑल इंडिया किसान मजदूर सभा के करीब 20 हजार सदस्य रामलीला मैदान पहुंचे हैं। यहां वह अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर किसान महापंचायत कर रहे हैं।
क्या है किसानों की 10 सूत्री मांग?
किसान संगठनों ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश पर MSP, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएं, कृषि के लिए मुफ्त बिजली दी जाए, लखीमपुर खीरी कांड में एक्शन हो, सिंघु बॉर्डर पर जान गंवाने वाले किसानों के स्मारक के लिए जमीन, MSP की कानूनी गारंटी के लिए नई समिति, उर्वरकों और फसलों पर लागत में कमी की मांग, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा, सभी फसलों के लिए फसल बीमा और मुआवजा पैकेज, किसानों और खेत-मजदूरों के लिए किसान पेंशन योजना की मांग की।