आज दिल्ली का बजट पेश नहीं होगा। दिल्ली के सीएम का कहना है कि केंद्र ने दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करने पर रोक लगा दी है। सीएम केजरीवाल ने कहा है कि भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। देश में गुंडागर्दी चल रही है।
एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर ‘सीधे-सीधे गुंडागर्दी’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बजट पर रोक लगा दी गई है।
“आप सरकार ने अभी तक हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है”- ग्रह मंत्रालय
केजरीवाल के इस बयान के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने आप सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्रालय के अनुसार आप सरकार के बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन है। जबकि बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित है। मंत्रालय का कहना है कि “ आप सरकार ने अभी तक हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है।”
वहीं ‘आप’ सरकार ने इन सभी आरोपों को झूठ बताया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है। जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए हैं। विज्ञापनों के लिए सिर्फ 550 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। विज्ञापन के लिए आवंटन राशि पिछले साल के बजट के समान ही है।
मुख्य सचिव ने 3 दिन तक केंद्रीय मंत्रालय की चिट्ठी को छुपाया- कैलाश गहलोत
इस बीच दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत का भी एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को बजट भेज दिया गया था। लेकिन अब पता चला है कि मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को लेकर चिंता जाहिर की थी और मंजूरी देने से मना कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव को 17 मार्च को चिट्ठी भेजी थी। लेकिन रहस्यमई कारणों के चलते मुख्य सचिव ने 3 दिन तक इस चिट्ठी को छुपाया। मुझे इस चिट्ठी के बारे में 20 मार्च दोपहर 2:00 बजे ही पता चला।
केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली के बजट को लेकर झूठ फैला रहा- कैलाश गहलोत
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की चिट्ठी के साथ बजट की फाइल औपचारिक रूप से 6:00 बजे मेरे सामने पेश की गई। इसके बाद हमने मुख्यमंत्री से मंजूरी के बाद मंत्रालय की चिंताओं का जवाब आज रात 9:00 बजे LG को भेज दिया है। दिल्ली के बजट में देरी करने के मामले में मुख्य सचिव और वित्त सचिव के रोल की जांच की जानी चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली के बजट को लेकर झूठ फैला रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली के बजट में करीब 22000 करोड़ रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए आवंटित किए गए हैं और केवल 550 करोड़ रुपये विज्ञापन के लिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की चिंता अप्रासंगिक है। ऐसा लग रहा है कि यह इसलिए किया जा रहा है ताकि दिल्ली सरकार का बजट बिगाड़ा जा सके।
दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 23 मार्च को होगा समाप्त
वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल दफ्तर के अनुसार दिल्ली के उपराज्यपाल ने बजट को कुछ टिप्पणी के साथ 9 मार्च को मंजूरी देकर मुख्यमंत्री के पास फाइल भेज दी थी। फिर दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति की मंजूरी मांगते हुए चिट्ठी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी टिप्पणी से दिल्ली सरकार को 17 मार्च को अवगत कराया। जबकि दिल्ली का बजट 21 मार्च को पेश होना था। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को अभी तक फाइल नहीं भेजी है। वहीं दिल्ली विधानसभा का मौजूदा बजट सत्र 23 मार्च को समाप्त होना है।