माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल लाया गया है। रविवार को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक को सड़क मार्ग से सोमवार को प्रयागराज लाया गया है। वहीं मंगलवार यानी की आज अतीक अहमद को बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं कानून के जानकार संभावना जता रहेे हैं कि अदालत अतीक को फांसी के फंदे में चढ़ाएगा या फिर आजीवन कारावास की सजा सुना सकती है। बता दें कि ऐसा होना भी योगी के राज में एक नया इतिहास रचने जैसा होगा।
आपको बता दें कि 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ के साथ उसके गुर्गों पर लगा था। वहीं सन 2006 में विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद साल 2007 में उमेश पाल की तरफ से इस मामले में धूमनगंज थाने में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
वहीं इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को ही पूरी हो गई थी और अगर इंतजार हैं तो सिर्फ फैसले का। इस केस के 11 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है जबकी 10 पर आरोप तय हुए हैं। इनमें अतीक अहमद, उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, उसके गुर्गे आबिद प्रधान, अशिक उर्फ मल्ली, जावेद इसरार, एजाज अख्तर, दिनेश पासी और दो अन्य लोग भी शामिल हैं।
इस वक्त सब कि नज़रे अतीक पर टिकी हुई है। सभी को फैसले का इंतजार है, लोग कयास लगा रहें हैं कि अतीक को फांसी होगी या फिर उम्रकैद की सजा। अगर ऐसा हुआ तो बता दें कि माफिया अतीक अहमद को पहली बार अदालत सजा सुनाएगी। इससे पहले अतीक पर दर्जनों मुकदमें दर्ज हुए, लेकिन हर बार वह कानूनी दांव-पेच लगाकर बचता रहा। वहीं 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के साथ पूरा कुनबा कानूनी शिकंजे में घिर गया।
जानिए क्या सजा हो सकती है
मृतक उमेश पाल अपहरण कांड में सभी आरोपितों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें भारतीय दंड संहिता की कई धाराएं शामिल हैं। अतीक के खिलाफ दर्ज एफआईआर में शामिल आईपीसी की धारा 364 A के तहत अपहरण के लिए दंड का प्रावधान है। आपको बता दें कि IPC की धारा 147, 148, 149, 323, 341, 504 506, 342, 364, 120बी भारतीय दंड संहिता एवं सातवां आपरादिक दंड विधि संशोधन अधिनियम लगी है।