उत्तर प्रदेश पुलिस के दरोग़ा नागेंद्र कुमार सरोज की हनक इतनी है की ना केवल संपूर्ण सरकारी तंत्र इनके समक्ष लाचार है बल्कि इनके कृत्यों से उत्तर प्रदेश पुलिस कलंकित भी है ।नागेंद्र कुमार सरोज की भर्ती आश्रित कोटे के माध्यम से हुई थी। इनके पिता शिम्भु लाल उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही थे जिनकी सेवा में रहते हुए मृत्यु हो गई थी जिसके पश्चात नागेंद्र कुमार सरोज को दरोग़ा के पद पर भर्ती मिली । और अभी इनकी तैनाती अयोध्या जैसे संवेदनशील ज़िले में है ।
जब इनकी भर्ती हुई थी तो इनकी आर्थिक हालत काफ़ी ख़स्ता था लेकिन थोड़े ही समय में ना केवल इनकी आर्थिक दशा सुधरी बल्कि ये और इनके परिवार वाले काफ़ी चल-अचल संपत्ति के मालिक हो गये। आज आलम ये है की इन्होंने अपने और परिवार के व्यक्तियों के नाम पर इन्नोवा, ब्रीजा और एक बोलेरो गाड़ी ख़रीदी है । इनके गाँव के घर के पुनरुद्धार में पचास लाख खर्च किए गये हैं जो की अत्याधुनिक सुविधाओं – एसी, फ्रिज, जनरेटर , आयातित सामग्री इत्यादि से परिपूर्ण है । और ये एक नये आलीशान भवन का निर्माण कोहंडौर बाज़ार में पावर हाउस के के पास करा रहे है। इन्होंने काफ़ी पैसा अपने भाई और रिश्तेदारों के नाम पर बैंकों में जमा कराया है और घर में भी एक डेढ़ करोड़ कैश रखते हैं।
दबंगई का आलम ये है की ये पिछले तीन महीने से लाइन हाज़िर हैं परंतु ये पिछले तीन महीने से अपने घर पर रह कर अपने भाई के चुनाव प्रबंधन में लगे हुए हैं और कहते हैं की इनके बड़े अधिकारियों और नेताओं से संबंध है और पुलिस अधीक्षक के स्तर का अधिकारी इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता । इन्होंने अपने भाई ब्रिजेंद्र कुमार सरोज को कोहंदौर नगर पंचायत से समाजवादी पार्टी का टिकट दिलाया है और टिकट दिलाने से ले कर नामांकन तथा चुनाव प्रचार में पूरी सक्रियता के साथ तत्पर हैं। गुंडई का आलम ये है की ये खुले आम वोटरों को धमका रहे हैं की अगर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे उनके भैया को वोट नहीं दिया तो किसी को देने लायक़ नहीं रहोगे। अवांछित तत्वों के साथ मिलकर पूरे इलाक़े में प्रदेश सरकार के विरुद्ध दुष्प्रचार में संलग्न रहते हैं। उम्मीद है कि समय रहते चुनाव आयोग इनपे उचित कार्यवाही करके भययुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न कराएगा।