22 साल से मीडिया संस्थानो मे उच्च पदो , CEO ,ग्रुप CEO होने के साथ मीडिया एवं एंटरटेन्मेंट स्किल कॉन्सिल के वरिष्ठ सलाहकार रहे डॉ . रोहित सक्सेना को तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्र देव सिंह द्वारा पार्टी की सदस्यता दिलाना निकाय चुनावो मे कानपुर के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हुआ l
भाजपा के डॉ़. रोहित सक्सेना ने मुस्लिम मतदाताओ का दिल जीता
कानपुर निकाय चुनाव में शहर की तीन सीटे मुस्लिम बहुल्य हैं जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है, जिसे सपा अपनी जायदाद मानती चली आ रही हैं। जिस वजह से शहर की तीनों विधानसभा सीटें सपा के खाते में दर्ज है। बता दें की इसी गलतफहमी के सभी शिकार हुए और सिर्फ ऊपरी तौर पर उसके विधायक काम करते रहे। वहीं दूसरी ओर भाजपा के डॉ़. रोहित सक्सेना पूरी रमजान क्षेत्र के लोगो और क्षेत्र की संस्याओ को दूर करने के लिए रात-रात भर काम कर मुस्लिम मतदाताओ का दिल जीतत रहे। जिसकी ओर सपा प्रबंधन का ध्यान ही नहीं गया, यहां तक की अतीक की घटना के बाद भी डां. सक्सेना बिना रुके, बिना परवाह करें अपना काम करते रहे, जिसने मतदाताओं पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा।
बता दें कि निकाय चुनावो के एलान के बाद सपा प्रत्याशी के पक्ष में मुस्लिम वोट करेगा इस बात से समाजवादी पार्टी आश्वस्त थी परंतु डॉ. रोहित सक्सेना की मेहनत रंग लायी और उन्होंने सपा के किले में घुस कर ऐसे पैठ बनाई। भाजपा के पक्ष में 50 से 60 हजार वोट तीनों विधानसभाओं से भाजपा मेयर पद के प्रत्यासी को पड़े। जिसने कानपुर की मेयर सीट की जीत ना सिर्फ भाजपा के लिए एतिहासिक बना दी बल्कि, जीत का अंतर इतना बड़ा कर दिया कि जो लोग चुनावो से पहले कांटे की टक्कर होने की बात कर रहे थे, वो इतनी बड़ी जीत से हतप्रभ हैं।
जब डॉ. सक्सेना से क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा यदि पार्टी आदेश करेगी तो आदेश का पालन करेंगे, परंतु उनकी स्वयं की ऐसी कोई इच्छा नहीं। सात ही यह भी कहा की 2024 के चुनावो में वो इसी तरह शांति से पूरे प्रदेश में इस मकैनिज्म का इस्तेमाल कर पूरी कोशिश करेंगे जैसे नगर निगम की 17 में 17 सीटे पार्टी मे जीती। वैसे लोक सभा की 80 मे 80 सीटे जीती जा सके।साथ की उन्होने तीनो विधानसभाओ के मतदाताओ का धन्यवाद अदा किया कि लोगो ने उन पर भरोसा कर जो नई इबारत लिखी है उसके वो आभारी हैं और हमेशा सभी की दुख मुसीबत मे खड़े रहेंगे।