उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य महकमा अलर्ट पर आ चुका है। आपको बता दें कि लखनऊ के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब एक बड़ा अभियान चलाने जा रहे हैं। राजधानी में 6 जून से 20 जून तक स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाएगा। इस अभियान के तहत राजधानी में संचालित हो रहे अवैध अस्पतालों पर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही साथ जो अस्पताल संचालित हो रहे है वह स्वास्थ्य विभाग के मानकों को पूरा कर रहे हैं कि नहीं, इसकी भी गहनता के साथ जांच की जाएगी।

अवैध अस्पताल संचालकों पर होगी कार्रवाई   

राजधानी में लगभग 1300 अस्पताल पंजीकृत हैं वहीं 100 से ज्यादा अस्पताल बिना पंजीकरण के ही संचालित हो रहे हैं। ज्यादातर अस्पताल मानकों को पूरा नहीं करते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते इतनी बड़ी संख्या में अस्पताल अवैध रूप से अपना कारोबार कर रहे हैं। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोग समय रहते कार्यवाही नहीं करते जिसके चलते अस्पताल संचालकों का हौसला बढ़ रहा हैं।

सरकार ने कहा अब नहीं चलेगी खानापूर्ति

वहीं प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन अधिकारियों की खानापूर्ति के चलते बड़ी संख्या में अस्पताल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। राजधानी में अस्पतालों के मानक एक बड़ी कमी है जिनको ज्यादातर अस्पताल पूरा नहीं करते हैं पर पिछले कई सालों से यह अस्पताल संचालित हो रहे हैं। पिछले दिनों राजधानी के एक अस्पताल में एक नाबालिक का अबॉर्शन कर दिया था। जिसके बाद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए तत्काल प्रभाव से उस अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अवैध अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए। अब ऐसे में देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग जब अभियान चलाएगा तो वाकई में जमीन पर इसका असर दिखेगा या फिर पहले की तरह ही खानापूर्ति होगी।