दिल्ली, नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को किया जाना है। इसे लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। कई राजनीतिक दल इस समारोह का बाहिष्कार कर रहे हैं। अब तक कुल 19 पार्टियां प्रधानमंत्री की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर चुकी है। उनका कहना है कि संसद भवन देश की नींव है ना कि कोई आम ईमारत इसलिए इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए। अब उद्घाटन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन के उद्घाटन का मुद्दा

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन सिर्फ राष्ट्रपति ही कर सकती है। ये याचिका वकील सीआर जया सुकीन ने दायर की है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

गौरतलब है कि 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है। नई चार मंजिला सीट में लोकसभा की 888 सीट और राज्यसभा की 384 सीट्स हैं। लोकसभा सचिवालय की तरफ से 18 मई को एक बयान जारी किया जाता है, जिसमें कहा गया कि आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक के तौर पर 28 मई को पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इसी बात को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है।

तारिख को लेकर भी जताई जा रही आपत्ति

इसी कड़ी में कांग्रेस का कहना है कि इसे लेकर आपत्ति जताने एक और बड़ी वजह है। पार्टी के मुताबिक भाजपा ने नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए 28 मई की तारीख तय की है, ये तिथि वीर सावरकर की जन्मतिथि है। कुछ समय पहले बीजेपी के आईटी चीफ अमित मालवीय ने एक ट्वीट किया था और लिखा – राष्ट्र के महान सपूत विनायक दामोदर सावरकर की 140वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे।

 

 

 

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