नेहरू मेमोरियल का बदला नाम तो राहुल गांधी ने अपने बयान से मचाया बवाल, कहा- ‘नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं

नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर सियासत गरमा गई है। बता दें कि 14 अगस्त को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने पर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साधने में लगा हुआ हैं। इसी बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान सामने आया है। राहुल गांधी ने कहा है कि नेहरूजी की पहचान उनके नाम से नहीं, बल्कि उनके कर्म के कारण है। वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी नेहरू मेमोरियाल का नाम बदलने पर सरकार का घेराव किया है। उन्होंने कहा, यह नाम इसलिए नहीं बदला गया है कि दूसरे प्रदानमंत्रियों का काम दिखाना चाहते हैं, बल्कि वह नेहरूजी का नाम दबाना चाहते हैं।

बता दें कि एक दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी कहा था कि मोदी के पास भय, कठिनाई और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है। वहीं खासतौर पर जब बात भारत ते पहले और सबसे लंबे समय तक देश सेवा करने वाले प्रधानमंत्री नेहरू की होती है, तो वे चीजें साफतौर पर नजर आ जाती हैं। जयराम ने आरोप लगाया था कि उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, बदनाम करना और नुकसान पहुंचाना है।

अखिलेश यादव ने भी सरकार के इस कदम पर साधा निशाना

वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार के इस कदम पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि नाम बदलने की जो राजनीति हो रही है, वह दिल्ली वालों ने उत्तर प्रदेश से सीखी है। यहां इकाना स्टेडियम, जो भगवान विष्णु के नाम पर था। अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया गया। हमें इससे कोई नाराजगी नहीं है। हमें खुशी तब होती, जब उनके गांव बटेश्वर में भी एक यूनिवर्सिटी बन जाती। उनके परिवार के लोगों को और शुरूआती समय में जिन्होंने उनको राजनीति में आगे बढ़ाया उनका भी सम्मान हो जाता।

जानिए क्या है मेमोरियल का इतिहास?

एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था। ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर इन चीफ के जाने के बाद 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया। वे यहां करीब 16 सालों तक रहें और यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। उनके निधन के बाद इस तीन मूर्ति भवन को उनकी याद में समर्पित कर दिया गया। इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरू मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसायटी कर दिया है।

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