स्थान - लखनऊ
रिपोर्ट - नीलेश चौहान
शासन प्रशासन लगातार राजधानी लखनऊ में बेहतर पुलिसिंग व पुलिस की बेहतर गस्ती की बात करती हैं लेकिन वास्तविकता क्या है जब News1India ने इसका जायजा लिया तो साफ तौर पर नजर आया ।
शासन प्रशासन लगातार राजधानी लखनऊ में बेहतर पुलिसिंग व पुलिस की बेहतर गस्ती की बात करती हैं लेकिन वास्तविकता क्या है जब News1India ने इसका जायजा लिया तो साफ तौर पर नजर आया कि जो बड़े-बड़े दावे तमाम आला अधिकारी लगातार करते हैं कि राजधानी के चौराहे से लेकर हर गली मोहल्ले तक पुलिस मुस्तैदी के साथ गश्त रहती हैं लेकिन जब News1India ने रात में राजधानी के तमाम वीआईपी चौराहों का जायजा लिया तो किसी भी चौराहे पर ना तो कोई पुलिसकर्मी ना ही कोई डायल हंड्रेड की गाड़ी नजर आई जिस्सें यह साफ कहा जा सकता है जो पुलिस की बेहतरीन दावे तमाम आला अधिकारी करते हैं उनकी वास्तविकता क्या है।
तस्वीरों में आपके सामने हैं राजधानी में जिस तरीके से अपराधी बेख़ौफ़ होकर अपराध कर रहे हैं जब लखनऊ के वीआईपी चौराहे के आसपास का यह हाल है कि कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी चौराहे पर नजर नहीं आया तो बेशक अपराधी बेखौफ होकर इन चौराहों के आसपास किसी भी बड़ी घटना को अंजाम देकर आसानी से वहां से फरार हो सकते हैं।
वही रात में 1 बजे करीब News1India की टिम ने राहगीर से जब पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल किया तो उसका साफ तौर पर कहना है कि जब दिन में भारी भीड़-भाड़ के बीच लगातार अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं तो रात में उनके हौसले और ज्यादा बुलंद हो जाते हैं उसने आगे बताया कि आज उसके साथ दोपहर में एक बड़ी घटना हुई जो की पूरी सीसीटीवी में कैद हैं लेकिन फिर भी पुलिस के हाथ खाली हैं, पुलिस अंपराधों को न ही गंभीरता से ले रही थी।
साफ तौर पर कहा जा सकता है जो बड़े बड़े आला अधिकारी दावे करते है, वह दावे ही मात्र है वास्तविकता अलग ही नजर आती है सबसे हैरानी वाली बात तो यह दिखी की पुलिस की मुस्तैदी व गस्ती पर बोलने के लिये कोई तैयार ही नही हुआ लोगो का कहना था कि अब पुलिस व्यवस्था पर आप इंसान की हिम्मत ही नही है कि कोई सवाल उठा सके।