प्रयाग में जब भी कुंभ होता है, तो पूरे देश से ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु यहां के पवित्र जल में डुबकी लगाने आते है। हर कोई पुण्य कमाने के लिए संगम के इस पवित्र जल में स्नान करने आता है। एक तरफ जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा -यमुना और अदृश्य सरस्वती का स्नान दर्शन कर पुण्य कमा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विदेश से आए प्रवासी पक्षी भी इन दिनों संगम घाटों पर सायंकाल के समय कुंभ के मेले की रौनक बढ़ा देते हैं।
प्रवासी पक्षी इस कुंभ मेले की रौनक में चार चांद लगा देते हैं। सर्दी की आहट शुरू होते ही संगम पर प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगना आरंभ हो गया है। जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को बेहद आकर्षित करते हैं। कुंभ में आने वाले विदेशी पक्षी श्रद्धालुओं को इस कदर अपनी ओर आकर्षित करते हैं कि लोगों में इन पंछियों के साथ सेल्फी लेने और इनकी तस्वीर लेने की होड़ सी लग जाती है।
अलग-अलग प्रजातियों के प्रवासी पक्षी ठंड शुरू होते ही संगम में आने लगते हैं। अधिकांश पक्षी लेह लद्दाख साइबेरिया मंगोलिया तिब्बत में राजस्थान से आते हैं। प्रवासी पक्षियों में ब्राउन हेडेड गर्ल ब्लैक हेडेड गर्ल जलकुकड़ी पचरा प्रजाति के पंछी आते हैं यह पंछी 5 माह के लिए संगम पर अपना बसेरा बनाते हैं। संगम में कलरव कर रहे इन पंछियों को देखकर ऐसा महसूस होता है मानो यह साइबेरियन पक्षी भी सात समंदर पार से इस संगम में आस्था की डुबकी लगाने आए हो।