मुंबई में डांस बार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। महाराष्ट्र सरकार के आदेश को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर प्रदेश में डांस बार खोलने के आदेश दिए हैं। इसी के साथ कोर्ट ने सरकार के उस फैसले को भी रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि डांस बार स्कूल या धार्मिक स्थल से 1 किलोमीटर की दूरी पर ही खुलेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ डांस बार संचालकों को राहत देते हुए कहा है कि डांस बार एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी। सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक और डांसर्स के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिसमें रहकर डांस तो देख सके, लेकिन बार डांसर्स तक जा न सके। इसके अलावा, सरकार की शर्त थी कि स्कूलों और धार्मिक स्थलों से 1 किलोमीटर के दायरे में डांस बार नहीं होगा, उसको भी कोर्ट ने रदद् कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मुंबई जैसे क्षेत्र में धार्मिक जगहों से 1 किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने का नियम तर्क संगत नहीं है।
इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2005 से सरकार की ओर से एक भी डांस बार को लाइसेंस नहीं दिया गया। वर्तमान नियमों के आधार पर डांस बार पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। इससे पहले पिछले साल 30 अगस्त को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
डांस बार को लेकर कोर्ट ने दिए ये आदेश:
– कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ग्राहक डांसर्स को टिप दे सकते हैं, मगर उनपर पैसे नहीं लुटा सकते।
– कोर्ट ने कहा कि डांसर और मालिक के बीच वेतन फिक्स करना सही नहीं। ये अधिकार सरकार का नहीं बल्कि मालिक और डांसर के बीच आपसी कॉन्ट्रैक्ट का मामला है।
– कोर्ट ने डांस बार के लिए सरकार द्वारा तय समय सीमा को उचित ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि शाम 6:30 से 11:30 तक का समय पर्याप्त है।
– कोर्ट ने डांस बार में CCTV लगाने के नियम को भी खारिज किया। कोर्ट ने कहा यह निजता के अधिकार का हनन है।