सोशल मीडिया और खासकर फेसबुक पर इन दिनों ’10 Year Challenge’ चल रहा है। इसमें यूजर्स अपनी 10 साल पुरानी और अपनी हाल ही फोटोज एकसाथ शेयर कर रहे हैं और दिख रहा है कि उनमें कितना बदलाव आया है। इस हैशटैग के साथ अब तक 50 लाख से ज्यादा फेसबुक यूजर्स अपनी तस्वीरें पोस्ट कर चुके हैं। इनमें आम इंसान से लेकर सिलेब्रिटीज तक शामिल हैं। इस चैलेंज से जुड़ी कुछ बातों को लेकर यूजर्स संशय में हैं कि कहीं यह डेटा कलेक्ट तो नहीं हो रहा।
टेक्नॉलजी ऑथर केट ओ-नील ने इस वायरल चैलेंज पर सवालिया निशान लगाए हैं और एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखते हुए शक जाहिर किया कि यह चैलेंज फेसबुक के उस एआई मैकेनिज्म के लिए लर्निंग का तरीका है जो चेहरों को पहचानता है। इसके बाद सवाल उठे कि कहीं यह चैलेंज फेशियल डेटा कलेक्शन का तरीका तो नहीं।
केट ने एक पोस्ट में लिखा, ‘सोचिए अगर आप अपनी साइट के फेस रिकग्निशन एल्गोरिद्म को अपडेट और ट्रेन करना हो। खासकर एज रिलेटेड पॉइंट्स और एज प्रोग्रेशन के बारे में इसे अपडेट करना चाहें तो आप कई लोगों की नई और पुरानी तस्वीरें एकसाथ चाहेंगे। यह तब ज्यादा कारगर होगा जब आपके पास इनके बीच के गैप के लिए एक फिक्स नंबर हो, जैसे 10 साल।’ उन्होंने कहा कि ऐसे डेटा को पास्ट और प्रेजेंट से सीधे जोड़ा जा सकता है।
वहीं फेसबुक ने इस चैलेंज में अपने किसी भी तरह के इन्वॉल्वमेंट से इनकार किया है। फेसबुक ने एक ट्वीट में लिखा, ’10 year challenge एक यूजर जेनरेटेड मीम है जो खुद शुरू हुआ है और इसमें हम शामिल नहीं हैं। यह फेसबुक पर लोगों के मस्ती करने का सबूत है। बस इतना ही।’ फेसबुक की इस सफाई के बावजूद कई यूजर्स केट की थ्योरी पर भरोसा कर रहे हैं क्योंकि डेटा कलेक्शन को लेकर फेसबुक पहले भी रेडार पर रह चुका है।