गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के कानून को लोकसभा में 9 जनवरी को पास कर दिया गया था। इसके बाद राज्यसभा से पास होने के बाद इसकी मंजूर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 13 जनवरी को दे दी थी। इस कानून को अभी तक देश के तीन राज्य झारखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश ने अपनी मंजूरी दे दी है। अब इस कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने केंद्र की सरकारी नौकरियों में गरीब सवर्णों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिले इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और 1 फरवरी 2019 से इसका लाभ लोगों को मिलना शुरु भी हो जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण देने को लेकर एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है, जिसमें पूरा विपक्ष फंस गया है। लेकिन आरक्षण को पाने के लिए गरीब सवर्णों को कुछ मापदंड भी पूरे करने होंगे।
1. परिवार की सलाना आय 8 लाख से कम होनी चाहिए। 2. 1000 वर्ग फिट से ज्यादा बड़ा घर ना हो। 3. म्यूनिसिपिटी एरिया में 100 गज से ज्यादा बड़ा घर ना हो। 4. 5 एकड़ से ज्यादा खेती लायक जमीन ना हो। 6. नॉन नोटिफाइड म्यूनिसिपल में 200 गज से ज्यादा बड़ा घर ना हो।