रेल मंत्री ने वीडियो के जरिए बताया कि हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक की लंबाई 410 मीटर है और इस परियोजना के पूरा होने से रेल यातायात को और अधिक सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, रेलवे ने हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के लिए आईआईटी मद्रास को एक मिलियन डॉलर का अनुदान देने का भी ऐलान किया है।
हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक क्या है?
हाइपरलूप ट्रैक एक नई तकनीक है, जिसमें ट्रेन को एक विशेष प्रकार की ट्यूब में हाई स्पीड पर चलाया जाता है। जल्द ही इस हाइपरलूप ट्रैक पर ट्रेन ट्रायल्स भी शुरू किए जाएंगे। इस तकनीक के साथ, यह देश में परिवहन का पांचवां सबसे तेज तरीका बन जाएगा।
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हाइपरलूप ट्रेन की गति 600 से 1200 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। रिपोर्टों के मुताबिक, भारत में हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक को 600 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक टेस्ट किया जा सकता है।
रेल मंत्री अश्विनी वैश्नव ने दी जानकारी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट के जरिए भारत के पहले हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक के निर्माण की जानकारी दी। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सरकार और शैक्षिक संस्थान मिलकर भविष्य के परिवहन क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए फंड रेल मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है, जबकि इसे आईआईटी मद्रास ने विकसित किया है।
भारत के इस हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक पर चलने वाली ट्रेन की रफ्तार 1100 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके तैयार होने से भारत में लंबी यात्राएं करना काफी सरल हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली से जयपुर का सफर केवल 30 मिनट में पूरा किया जा सकेगा।
2026 तक चलेगी पहली बुलेट ट्रेन
भारतीय रेलवे पहले से ही बुलेट ट्रेन पर काम कर रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अप्रैल 2024 में कहा था कि 2026 तक पहली बुलेट ट्रेन भारतीय रेलवे में चल सकती है, जो लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलेगी। 1 फरवरी को पेश किए गए बजट 2025 में रेल मंत्रालय को 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो पिछले बजट से कहीं अधिक हैं। भारतीय रेलवे का प्रमुख उद्देश्य यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है।