वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के आतंक से आज जब तमाम डॉक्टर और स्वास्थ्य संस्थाएँ इसकी दवा और वैक्सीन खोजने में लगे हुए है, इस बीच मंगलवार को भारतीय आयुर्वेदिक संस्था पतंजलि ने अपनी 100 फीसदी रिकवरी रेट वाली ‘दिव्य Coronil टैबलेट’ को बाज़ार में लॉन्च कर दिया। लेकिन मीडिया में इसके प्रचार प्रसार के कुछ ही घंटों बाद, आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को अपना प्रचार तुरंत रोकने को कहा और दिव्य फार्मेसी को नोटिस भी जारी किया जिसमें दवा के अनुसंधान और अध्ययन की जानकारी माँगी।
नियमानुसार हर डॉक्टर और स्वास्थ्य संस्था को कोरोना की दवा बनाने से पहले आयुष मंत्रालय से अनुमति लेना अनिवार्य है लेकिन मंत्रालय के बयान में केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नायिक ने बताया कि उन्हें पतंजलि की दवा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और मीडिया रिपोर्ट से उन्हें इस बात का पता चला हालांकि लॉन्च से पहले दवा को मंत्रालय में जाँच के लिए भेजा जाना चाहिए था।
मंत्रालय ने उत्तराखंड की संबंधित लाइसेन्सिन्ग अथॉरिटी से अप्रूवल की कॉपी भी मांगी थी जिसमें पतंजलि को बुखार, खांसी और इम्यूनिटी से संबंधित दवा बनाने की ही इजाज़त मिली थी और कोरोना का उसमे कोई ज़िक्र नहीं था। मंत्रालय ने पतंजलि से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनका दिया हुआ लाइसेन्स रद्द करने की बात भी कही।
बाबा रामदेव ने लॉन्च में बताया कि तमाम राष्ट्रीय अप्रूवल के बाद उन्होंने 280 मरीज़ों पर क्लिनिकल ट्रायल किए जिसमें 3 दिन में 69 मरीज़ ठीक हुए और 7 दिन में 100 प्रतिशत मरीज़ ठीक हुए। दवा में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा, अणु तेल और श्वासारि इम्यूनिटी को मज़बूत करते हैं तथा संक्रमण को फैलने से रोकते हैं। दवा की होम डिलीवरी के लिए मोबाइल एप भी लॉन्च की गई है और इसे 30 दिन तक 545 रुपये के शुल्क में बेचा जाएगा।
Gaurang Goel