केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने का नोटिस मिला है. प्रियंका को 1 अगस्त तक इसे खाली करना होगा. कांग्रेस ने इसे खुद पर हमला बताया है.
क्यों भेजा गया है नोटिस?
दरअसल, पिछले साल नवंबर महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में SPG सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया था. इसके बाद गांधी परिवार यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से SPG कवर वापस ले लिया गया था. अब इन तीनों के पास Z प्लस सुरक्षा है, वो भी CRPF के साथ.
#Lucknow– @priyankagandhi यूपी में बनाएंगी अपना आशियाना, अब प्रियंका का लखनऊ में होगा नया ठिकाना, प्रियंका गांधी का लखनऊ में होगा आवास, गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस में रहेंगी प्रियंका, दिल्ली स्थित आवास खाली करने का आदेश, सरकारी बंगला खाली करने का है आदेश@INCUttarPradesh pic.twitter.com/MoLoonM2ZJ
— News1Indiatweet (@News1IndiaTweet) July 2, 2020
प्रियंका गांधी को इसी प्रोटेक्शन के तहत लोधी एस्टेट में एक सरकारी बंगला अलॉट था, अब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का कहना है कि क्योंकि ये प्रोटेक्शन नहीं है, इसलिए आपको एक अगस्त तक बंगला खाली करना होगा. ऐसा ना करने पर अतिरिक्त किराया देना होगा.
कब मिला था प्रियंका को बंगला?
एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, प्रियंका गांधी वाड्रा को 21 फरवरी, 1997 में लोधी रोड स्थित बंगला अलॉट किया गया था. तब उनके पास SPG सुरक्षा थी, लेकिन Z प्लस सुरक्षा में बंगला नहीं मिलता है. एजेंसी के अनुसार, प्रियंका गांधी इस बंगले के लिए 37 हजार रुपये प्रति महीने का किराया दे रही थीं.
@priyankagandhi और उनका परिवार #लखनऊ और #दिल्ली दोनों जगहों पर रहेंगे। #लखनऊ के कौल निवास में उनकी यूपी की राजनैतिक गतिविधियों का केंद्र होगा तो #दिल्ली में प्रियंका बच्चों और पति @irobertvadra सहित एक नए आशियाने में रहेगी। पूरी तौर पर न प्रियंका दिल्ली छोड़ सकती है न LKO … pic.twitter.com/PJGNLqkPYE
— Awanish Vidyarthi (@awanishvidyarth) July 2, 2020
एजेंसी को एक अधिकारी ने बताया कि साल 2000 में ही ये नियम बना दिया गया था कि जिस व्यक्ति के पास SPG सुरक्षा नहीं है, उसे किसी तरह का सरकारी बंगला नहीं दिया जाएगा. पहले तय हुआ था कि इस श्रेणी में बंगले को मार्केट रेट से 50 फीसदी अधिक के किराये के रुप में दिया जाएगा, लेकिन बाद में इसे 30 फीसदी तक कर दिया गया.
अब वो बहुत जल्द लखनऊ में कौल हाउस में शिफ्ट कर जाएंगी. कौल हाउस इंदिरा गांधी की मामी शीला कौल का है. प्रियंका पार्टी की महासचिव होने के साथ साथ यूपी की इंचार्ज भी हैं. लिहाजा उनका ये कदम बेहद सधी हुई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. कोरोना संक्रमण के दौरान प्रियंका का यूपी में दौरा कम हो गया था. ऐसे में लखनऊ शिफ्ट होना राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है. प्रियंका महासचिव बनाए जाने के बाद से यूपी में ज्यादा सक्रिय रही हैं. चाहे वो मजदूरों के ले जाने के लिए बसों के इंतजाम का मुद्दा हो या फिर सोनभद्र के किसानो के नरसंहार के बाद का आंदोलन हो.
आगामी चुनाव से पहले लखनऊ में बेस बनाने का फैसला
जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने यूपी के चुनावों से पहले लखनऊ में अपना बेस बनाने का फैसला पहले ही कर लिया था. इंदिरा गांधी की मामी शीला कौल के घर ‘कौल हाउस’ की मरम्मत का काम पहले ही किया जा चुका है. लखनऊ में प्रियंका इसी घर में रहेंगी.
प्रियंका के बच्चे उनके साथ शिफ्ट होंगे की नहीं, इस पर फैसला अभी नहीं किया गया है, लेकिन ये तय है कि यूपी की राजनीति में पूरी तरह सक्रिय और शामिल रहने के लिए प्रियंका लखनऊ में शिफ्ट होंगी और अपना ज्यादा वक्त यूपी के अलग-अलग जिलों में बिताएंगी.
बात ये भी है कि प्रियंका गांधी इन दिनों मां सोनिया गांधी की तबियत को लेकर भी परेशान रहती हैं. दिल्ली में रहते हुए उनका वक्त 10 जनपथ पर भी गुजरता है, लेकिन यूपी के आगामी चुनावों और सियासी समीकरणों के चलते यहां वक्त देना कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगा. इसलिए प्रियंका की टीम के सुझाव के बाद ये फैसला किया गया है. इस दौरान प्रियंका दिल्ली भी महीने में एक-दो हफ्ते के लिए जाती रहेंगी.