सोमवार को नेपाली कवि भानुभक्त आचार्य की 206वीं जयंती पर नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के काठमांडू स्थित घर ब्लूवॉटर पर आयोजित एक समारोह में ओली ने भारत पर सांस्कृतिक दामन करने का आरोप लगाते हुए यह कहा कि भारत ने एतिहासिक तथ्यों की तोड़-मरोड़ करके एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है जबकि असली अयोध्या तो नेपाल स्थित बीरगंज जिले में एक छोटा सा गाँव है जिसका नाम थोरी है। ओली ने दशरथ पुत्र भगवान राम को भी नेपाली बताते हुए कहा, ‘हमारा हमेशा से ही मानना रहा है कि हमने राजकुमार राम को सीता दी। लेकिन, हमने भगवान राम भी दिए। हमने राम अयोध्या से दिए, लेकिन भारत से नहीं।’
दरअसल हाल ही में नेपाल ने सीमा के पास स्थित भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा जिलों को भी अपने नए राजनीतिक नक्शे में शामिल कर लिया था जिसके बाद से ही भारत-नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर अनबन चालू है। साथ ही नेपाल में ओली की कम्युनिस्ट पार्टी के कई नेता उनके खिलाफ़ हो चुके हैं और उनसे इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं जिस पर ओली ने भारत को उनकी पार्टी के नेताओं को भड़काने और उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने का दोषी भी ठहराया है हालांकि भारत ने नेपाल की हरकतों की कड़ी निंदा करते हुए नेपाल पर किसी और के कहने पर यह सब करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ओली के भगवान राम को नेपाली बताने के बयान की आलोचना करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी की जन्मस्थली को लेकर नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ का अमर्यादित बयान उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है।’ इसके साथ ही उन्होंने नेपाल के पूर्व में आर्यावर्त (भारत) का हिस्सा होने की भी बात का ज़िक्र किया। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने भी ओली के बयान की निंदा करते हुए ट्वीट किया कि ‘आदि-कवि ओली द्वारा रचित कल युग की नई रामायण सुनिए, सीधे बैकुंठ धाम की यात्रा करिए।’
ओली जी को मालूम होना चाहिए कि नेपाल भी पूर्व में आर्यावर्त (भारत) का हिस्सा रहा है।
जय जय श्री राम #KPSharmaOli #Nepal #AyodhyaRamMandir— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 14, 2020
नेपाली पीएम ओली ने अपने बयान के साथ कुछ सवाल भी उठाए जिनमे उनका कहना था कि उस समय शादियां तो पड़ोसी राज्यों की कन्याओं से ही हुआ करती थी और संचार के लिए फ़ोन भी नहीं हुआ करते थे तो भगवान राम उत्तर प्रदेश में बताए जाने वाले अयोध्या से इतनी दूर शादी करने के लिए जनकपुर कैसे आ सकते थे? यही नहीं ओली ने पश्चिमी बिहार के चंपारण जिले में स्थित बाल्मिकी नगर के एक अहम हिस्से का नेपाल मे होने का भी दावा किया है।
सूत्रों की माने तो अपनी ही पार्टी के नेताओं के विरोध के बाद ओली अब अध्यादेश की मदद से नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी(NCP) को तोड़ने की योजना बना रहे हैं जिसमें सहयोग के लिए वह विपक्षी दल नेपाली कॉंग्रेस से भी संपर्क में है। बता दें कि पार्टी के टूटने पर ओली को 138 सांसद का समर्थन दिखाने की आवश्यकता होगी हालांकि अध्यादेश के बाद सिर्फ 30% समर्थन की ज़रूरत रह जाएगी और ओली के पास 40% समर्थन पहले से होने के कारण उनका काम बेहद आसान हो जाएगा।