यूपी में 500 करोड़ का फर्टिलाइजर स्कैम. यह घोटाला केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय की पड़ताल में पकड़ में आया जब यूपी के कुछ हिस्सों में उर्वरक की भारी कमी हुई और उसकी जांच शुरू हुई। यूपी को अबतक एक लाख क्विंटल उर्वरक की सप्लाई की जा चुकी है। अकेले गोरखपुर में 23252 क्विंटल उर्वरक को सप्लाई किया गया था। उर्वरक मंत्रालय ने सभी 75 जिलों में 20 -20 को चिन्हित कर मामले का परीक्षण किया जिसमें उर्वरक की ब्लैक मार्केटिंग और जमाखोरी प्रकाश में आई है।
घोटाला अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच का है। दरअसल सरकार उर्वरक की खरीद पर भारी सब्सिडी देती है घोटालेबाज गिरोह में इसी का फायदा उठाते हुए फर्जी कागजातों और नामों के जरिये उर्वरक की बिक्री दिखा दी। यही नही ब्लैक मार्किट में इसे 500 से 600 रुपये प्रति बैग बेचा गया जो IFCCO लाइसेंस की दुकान पर 267 रुपये और सहकारिता या कृषि विभाग से लाइसेंस वाले क्रय के केंद्रों से 45 KG के 10 बैग प्रति एकड़ के हिसाब से खरीद सकता है । दामों पर बड़ी सब्सिडी और लचर व्यवस्था के नाते ये घोटाला सामने आया है। अकेले गोरखपुर में 18 वेंडरों को नोटिस दी गई है। अलीगढ़ में 19 वेंडर्स को नोटिस हुई है , बाराबंकी में 21 वेंडर्स को नोटिस किया गया है। यूपी में अबतक 623 लाइसेंस रद्द किया गए जबकि 35 के खिलाफ FIR कराई गई है।