बिहार विधानसभा चुनाव(Bihar Assembly Election) में इस बार चुनाव आयोग काफी सख्ती बारत रहा है और सख्ती का नतीजा दिखना भी शुरू हो गया है बिहार चुनाव आयोग ने इस बार 27 पूर्व प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है।यह रोक चुनाव आयोग द्वारा तीन वर्षों के ;लिए लगायी है। बताया गया की यह रोक इस लिए लगायी गयी है क्यूंकि इन सभी प्रत्याशियों ने चुनाव के बाद चुनाव आयोग का चुनाव का ब्यौरा नहीं दिया था और साथ ही में इन्होने अपने चुनाव के खर्च का ब्यौर न दे पाने के पीछे का कोई स्पष्ट कारण भी चुनाव आयोग को नहीं बताया है।
क्या कहता है कानूनी पक्ष ?
चुनाव आयोग के निर्देश अनुसार और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा (क) के तहत यदि कोई व्यक्ति चुनाव परिणाम आने के 30 दिनों के अंदर चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं देता है या ब्यौरा क्यों नहीं दिया इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पाता है तो चुनाव आयोग के पास यह अधिकार है की वह उस प्रत्याशी पर अगले तीन वर्षो तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकता है। और चुनाव आयोग ने इसी अधिनयम के तहत इस बार बिहार विधान सभा चुनाव में 27 प्रत्याशियों पर रोक लगा दी है।
किन प्रत्याशियों पर लगायी गयी रोक ?
चुनाव आयोग द्वारा जारी सूची के अनुसार फारूख खान (19.9.2021 तक), कुम्हरार के सुबोध कुमार (19.9.2021 तक), कुटुंबा के रंजीत कुमार अलीनगर के अनंत कुमार (7.10.2021 तक), कुशेश्वर स्थान (सु) के तुरंती सदा (17.08.21 तक), बेनीपुर के तारांकात झा (17.8.2021 तक) व जितेंद्र पासवान (17.8.2021 तक), हायाघाट के मो. अरशद (17.8.2021 तक) और रामसखा पासवान (17.8.2021 तक), पातेपुर के लखींद्र पासवान (17.8.2021 तक), परबत्ता के सतीश प्रसाद सिंह (17.8.2021 तक), गायघाट के रघुनंदन प्रसाद सिंह (19.9.2021 तक),केवटी के विजय कुमार (7.10.2021 तक) व अशोक कुमार झा (19.9.2021 तक), खगड़िया की बबिता देवी (7.10.2021 तक), व रानी सिंह (19.9.2021 तक), औरंगाबाद के संजीत कुमार चौरसिया (19.9.2021 तक) व यशंवत लाल सत्यार्थी (19.9.2021 तक), कुढ़नी के सुरजीत सुमन उर्फ सुरजीत कुमार (18.1.22 तक) व अशरफ सानी (18.1.22 तक), अभय कुमार (18.1.22 तक), पूजा कुमारी (18.1.22 तक), कुमार विजय (18.1.22 तक), भोरे (सु) की जानकी देवी (18.1.22 तक) हथुआ के संजय कुमार मौर्या (19.9.2021 तक), व व शरमा देवी (18.1.22 तक), तथा बेलदौर बिंदू देवी (18.1.22 तक) चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग ने पूरी तरह से लगभग तीन वर्षों के लिए रोक लगा दी है।