बिहार में इस बार चुनाव रोचक होने वाले है। सत्ता की लड़ाई इस बार महागठबंधन और एनडीए के बीच में है। मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) पहले अपने आप को महागठबंधन में सेट करने में लगी हुई थी। लेकिन वहाँ उनको कोई तवज्जो ही नहीं मिली और न ही कोई सीट। उसके बाद मुकेश सहनी ने एनडीए से संपर्क किया और उनकी पार्टी एनडीए में सेट हो गई। अब एनडीए का कुनबा ओर बढ़ गया।
एनडीए में विकासशील इंसान पार्टी को भाजपा ने अपने कोटे से 11 सीट दी है। इतना ही नहीं इसी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी को एनडीए विधान परिषद भी भेजेगी। हालांकि मुकेश सहनी ने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत 2014 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लक्ष्य से की थी। उनका राजनैतिक कैरियर लंबा नहीं रहा है।
मुकेश सहनी मल्लाह समाज से आते है। इस समुदाय की बिहार में अच्छी खासी तादाद भी है। आँकड़ो के हिसाब से मल्लाह समुदाय की कुल आबादी बिहार में 6 फीसदी है। यही कारण है कि उन्होनें साल 2018 में एक राजनैतिक पार्टी का गठन किया, जिसका नाम विकासशील इंसान पार्टी (VIP) है। उसके बाद वे महागठबंधन में शामिल हो गए। 2019 के लोकसभा के चुनावों में उनकी पार्टी 3 सीटों पर चुनाव भी लड़ी थी, लेकिन मोदी की आँधी में सब उड़ गए और खुद खगड़िया से चुनाव हार गए।
मुकेश सहनी के एनडीए में आने से अति पिछड़ा वर्ग का वोट एनडीए की तरफ झुक सकता है। यही कारण है कि भाजपा ने अपने कोटे से 11 सीट देकर एक समुदाय को अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया है।
ज्ञात हो कि अति पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी बिहार में लगभग 40 फीसदी है। बिहार में मल्लाह समाज का मुकेश सहनी के अलावा कोई बड़ा नेता नहीं है। बिहार में मछुआरों व नाविकों की जाति में आने वाले मल्लाह, सहनी, निषाद, बिंद जैसी अति पिछड़ी जातियों की आबादी काफी ज्यादा है। यह समाज राज्य की 10 से 15 लोकसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते है। इससे यह तय है कि एनडीए को मुकेश सहनी के आने से फ़ायदा ही होगा।