लंबी बीमारी के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ramvilas paswan death) का 74 साल की उम्र में गुरुवार शाम निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को जनपथ स्तिथ उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहाँ उनके अंतिम दर्शन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, डॉ. हर्षवर्धन समेत कई अन्य दिग्गज पहुंचे। खबरों के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को पटना में लोकजनशक्ति पार्टी के कार्यालय लाया जाएगा। रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में किया जाएगा।
कई दिनों से थे बीमार
रामविलास पासवान कई हफ्ते से दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती थे बता दें कि हाल ही में उनकी हार्ट सर्जरी की गई थी जिसकी जानकारी भी उनके बेटे चिराग पासवान ने दी थी और अब उनके निधन की जनकारी भी भी चिराग पासवान ने ट्विटर के माध्यम से दी। अपने बचपन का फोटो शेयर करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि, ‘पापा, अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने उनके निधन की खबर पर दुख व्यक्त किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि, ‘रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी। उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
Paid respects to late Shri Ram Vilas Paswan Ji. His unwavering commitment to social justice will always be remembered. pic.twitter.com/QaklVGclx5
— Narendra Modi (@narendramodi) October 9, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि, ‘मेरा दुख शब्दों से परे है। उनके जाने से देश में जो शून्य उत्पन्न हुआ है वह शायद कभी नहीं भर सकेगा। उनका निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति है। मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी और एक ऐसा खोया है जो हर गरीब को गरिमा से जीने को सुनिश्चित करने के लिए जी जान से लगा रहता था।’
रामविलास पासवान के निधन पर शोक जताते हुए अमित शाह ने कहा कि,”सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण व अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले हम सबके प्रिय राम विलास पासवान जी के निधन से मन अत्यंत व्यथित है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। उनके स्वर्गवास से भारतीय राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है।”