28 अक्टूबर को होने वाले बिहार चुनाव का प्रचार जोरो शोरो पर है ऐसे में यह आशंका जताई जा रही थी कि क्या लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) इस बार के चुनाव देख पाएंगे क्यूंकि चारा घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे लालू यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत की अर्जी डाली थी जिसकी याचिका सुनवाई पर आज उन्हें जमानत मिल गई लेकिन अन्य मामलों में फंसे होने के कारण उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। लालू यादव ने अपनी याचिका में ये कहा था कि उन्होंने इस मामले में अपनी आधी सजा काट ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अपनी बीमारी का भी हलावा देते हुए जमानत मांगी थी।

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आपको बता दें कि 11 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने इसका विरोध किया था। ख़बरों के अनुसार सीबीआई ने यह स्पष्ट करते हुए कहा था कि लालू यादव को चार मामले में सजा सुनाई गई है। सभी मामलों की सजा अलग-अलग चल रही है। जब तक संबंधित अदालत सभी सजा एक साथ चलने का आदेश नहीं दे देती, तब तक सजा अलग-अलग ही चलेंगी। सभी मामलों में आधी सजा काटने के बाद उन्हें जमानत मिल सकेगी। बता दें कि उन्हें पहले भी देवघर कोषागार मामले में जुलाई 2019 में जमानत मिल चुकी है।

क्या था चारा घोटाला
बिहार राज्य का सबसे बड़े घोटाले ‘चारा घोटाला’ जिसमें जिसमें पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने से 950 करोड़ रुपये का़ाफर्जीवाड़ा हुआ था। सीबीआई की जांच दौरान यह सामने आया कि चारा घोटाले में शामिल ज्यादातर आरोपियों के तार राष्ट्रीय जनता दल और दूसरी बड़ी पार्टियों से जुड़े हैं। जिसमे लालू यादव समेत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र, जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा सहित 45 आरोपी पाए गए। जिसके चलते 1997 में लालू प्रसाद यादव को जेल भी जाना पड़ा और उन्हें मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा लेकिन उन्होंने उस समय अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार की कुर्सी सौंप दी।