बिहार चुनाव में रोज नया ट्विस्ट देखने को मिल रहा है। बिहार चुनाव में एक गठबंधन बन चूका है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा),पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव के समाजवादी जनता दल, डॉ. संजय चौहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा), और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मिलकर ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट बनाया है। इस गठबंधन का संयोजक देवेंद्र प्रसाद यादव बनाए गए हैं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए गए हैं।

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा की बिहार के लोगो की सेवा करने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते है। उन्होंने बताया हम अपनी रणनीति बनाने में थोड़ा समय लगा लेकिन हम सभी सेक्युलर पार्टी को साथ लेकर बिहार की जनता को एक बेहतर विकल्प देने की कोशिश कर रहे है। आपको बतादे ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट ने बिहार की सभी 243 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और चुनाव प्रचार भी काफी जोर शोर से चल रहा है।

एआइएमआइएम (AIMIM)के प्रमुख व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ने भी गठबंधन पर जबाव देते हुए कहा उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में बिहार का चुनाव लड़ा जायेगा और सफल होने पर उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाया जायेगा। ओवैसी ने कहा की हमारा मकसद एक है जनता को बेहतर प्रदेश बनाकर देना। पिछले 30 सालों की सरकार से बिहार को कोई लाभ नहीं हुआ है।

उपेंद्र कुशवाहा ने मौजूदा सरकार पर जमकर हमला बोला। कुशवाहा का कहना है की पिछले 15 साल से मुख्यमंत्री रहते नितीश कुमार की सरकार ने बिहार को बीमारू राज्य बना दिया है। कुशवाहा के अनुसार यदि बिहार में उनकी सरकार बनती है तो युवाओ के लिए प्रदेश में रोजगार के नए अवसर प्रदान किये जाएंगे। आपको बता दे बिहार चुनाव से ठीक पहले बसपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भरत बिंद ने तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली राजद का दामन थम लिया था।

बसपा के बिहार प्रभारी रामजी गौतम ने बताया की यदि बिहार में उनकी सरकार बनती है तो प्रदेश में बेहतर योजनाए चलायी जाएग। बढ़ते अपराध को रोकना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेग। रामजी गौतम ने कहा की जिस प्रकार मायावती जी के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को नयी ऊंचाइयों पर लेकर गयी थी उसी प्रकार बिहार में विकास हमारा मुख्य मुद्दा होगा।