जिस प्रकार 90 के दशक में राम मंदिर बनाने के लिए भाजपा ने ‘रथ यात्रा’ निकाली थी, ठीक उसी प्रकार लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार को अग्रणी राज्य बनाने के लिए ‘बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट’ यात्रा की शुरुआत की थी जो एक परिवर्तन में बदल गई।
इसी साल की शुरुआत में चिराग पासवान ने पटना से ‘बिहार फ़र्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट’ (Bihar First Bihari First) यात्रा की शुरुआत बिहार के लोगों के लिए की थी। इस यात्रा से उनका लक्ष्य बिहार राज्य को भारत में नंबर वन राज्य बनाने का था। चिराग पासवान कहते है कि नितीश कुमार के राज में बहुत काम हुआ है उन्होनें बिहार को जंगलराज से बाहर भी निकाला है। लेकिन आज भी बिहार कहीं न कहीं देश में पीछे छूट जाता है। ऐसी कमी क्यों रह रही है कि बिहारी काम, रोजगार, सेवा, शिक्षा, चिकित्सा के लिए दूसरे राज्यों में जाते है, लेकिन दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और अन्य राज्यों के लोग इसके लिए बिहार नहीं आते है। हर दिशा में काम करना जरूरी है और बिहारीयों के पलायन को रोकना जरूरी है। जबकि देश में सार्वजनिक पदों पर सबसे ज्यादा बिहार के लोग ही पदोन्नत है। उन्होनें खुशी भी जाहिर की, कि बिहार में पहले सिर्फ जात-पात की बात होती थी, लेकिन अब विकास की बात भी होती है।
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चिराग पासवान ने इस यात्रा के दौरान कहा था कि क्या कारण है कि देश की आजादी के 70 सालों बाद भी अन्य राज्यों की तरह बिहार विकसित नहीं हो पाया है। चिराग पासवान ने कहा था कि बिहार को स्मार्ट बनाना ही पार्टी का लक्ष्य है। ज्ञात हो कि चिराग पासवान के ट्वीटर हैण्डल पर भी “मैं बिहारी हूँ” लिखा हुआ है। उनका कहना है कि बिहार के लोगों को बिहारी होने पर गर्व होना चाहिए। चिराग पासवान का सपना है कि ऐसा बिहार बनना चाहिए जो देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी मिसाल बने।
दरअसल, जमुई से सांसद चिराग पासवान संसद में भी बिहार की आवाज उठाते रहते है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी प्रशंसा करते रहते है। चिराग पासवान मोदी को अपना आदर्श मानते है। इस बार लोजपा पूरे बिहार में अकेले ही 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा कमजोर दिखती जा रही है। लेकिन चिराग पासवान पर निर्भर होगा कि वे कैसे लोजपा को चुनावों में मजबूत कर पाते है। इस बार लोजपा किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।