फ़िल्मी दुनिया की सबसे चर्चित और हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘फिल्म प्रचार’ के मुताबिक दुर्गामती कमजोर साबित हुई. अधिकतर समीक्षों से इसे एक से ढाई स्टार तक दिए। फिल्म साउथ की 2018 में आई भागमती का रीमेक है और निर्देशक जी. अशोक यहां जादू पैदा करने में फेल हो गए। फिल्म न तो हॉरर है और न थ्रिलर। इसकी कहानी में कोई नयापन नहीं है। हॉरर के नाम पर टीवी सीरियल जैसे सीन यहां हैं। स्क्रिप्ट खराब है। भूमि पेडनेकर अपनी ऐक्टिंग का कोई कमाल यहां नहीं दिखा पाईं। जानकार मानते हैं कि यह फिल्म अगर सिनेमाघरों में आ जाती तो बुरी तरह से पिटती।
ओटीटी के दौर में दर्शक दुनिया भर में बनने वाला बेहतरीन सिनेमा देख रहे हैं और वेबसीरीजें फिल्मों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। ऐसे में फिल्मों के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में बॉलीवुड वाले नहीं सुधरे और ऐसी ही खराब फिल्में बनाईं तो कोरोना के कारण बंद देश के सैकड़ों सिनेमाघर फिर कभी नहीं खुल पाएंगे। बॉलीवुड समेत पूरा फिल्म उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है और तथाकथित बड़े निर्माता-निर्देशक दर्शकों की नब्ज को समझे बगैर एक से बढ़ कर एक खराब फिल्में बना रहे हैं। वहीं कोरोना काल का सामना करने के बाद हॉलीवुड ने अपना बेहतरीन कंटेंट मैदान में उतारना शुरू कर दिया है, जो आने वाले दिनों में हिंदी फिल्मों के लिए बड़ा खतरा साबित होगा।