भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी अपने अंतिम चरण में हैं. रविवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ और स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. दोनों ही वैक्सीन की एक उम्र सीमा तय की गई हैं जिसमें कोविशील्ड को 18 साल से अधिक और कोवैक्सीन का 12 साल से अधिक उम्र वालों को देने का निर्णय लिया गया हैं. दोनों में कोविशील्ड वैक्सीन को प्राथमिकता दी गई है.
आपको बता दें कि ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन का उत्पादन भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है जबकि इसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने इजाद किया है. वहीं अगर ‘कोवैक्सीन’ की बात की जाए तो इसे हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर बनाया है. भारत बायोटेक के द्वारा वैक्सीन के फेज़ 2 ट्रायल में कुल 380 वयस्क (Adults) और बच्चों को वैक्सीन की डोज़ दी गई थी. परिणाम बेहतर आने के बाद वैक्सीन के टीकेकरण को मंजूरी मिल गई.
कोल्ड स्टोरेज के तापमान की बात की जाए तो भारत बायोटेक की वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के तापमान में रखा जाएगा और कोविशील्ड वैक्सीन को भी 2 से 8 डिग्री के तापमान में रखा जा सकता है. सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में इस बात की पुष्टी की है कि देश को दी जाने वाली पहली वैक्सीन कोविशील्ड होगी, जिसकी कुल दो डोज लोगों को दी जाएगी. पहली और दूसरी डोज में 4-6 हफ्तों का अंतर रखा जा सकता हैं. जबकि भारत बायोटेक वैक्सीन के दोनों डोज के बीच में 28 दिन का अंतराल होगा. आपको बता दें भारत में इसके आलावा कोरोना की सात वैक्सीन और बन रही है जिनमें से कुछ क्लीनिकल तो कुछ प्री- क्लीनिकल ट्रायल पर है.