अयोध्या के भव्य राम मंदिर बनने का इंतजार हर कोई बेसब्री से कर रहा है. लेकिन अब इसके निर्माण कार्य में एक नई रूकावट नजर आ रही है. दरअसल अयोध्या की राम मंदिर भूमि सरयू नदी के पास स्थित है. इस भूमि के नीचे पानी की मौजूदगी पाई जाने की वजह से राम मंदिर की नींव के डिजाइन को अंतिम रूप देने में देरी हो रही है. हालांकि गुरूवार को इसकी जानकारी देते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने विश्वास दिलाया है कि शीघ्र ही मंदिर के बुनियादी डिजाइन कार्य को अंतिम रूप दिया जाएगा. जिसके बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा.
बता दें, महासचिव चंपत राय की यह टिप्पणी लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड के इंजीनियरों और विशेषज्ञों के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक के बाद आई. इस बैठक में उनके साथ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी भी शामिल रहें. जिन्होंने साफ किया है कि शुक्रवार को ट्रस्ट की एक बैठक होगी. बैठक में समस्या और समाधान दोनों पर चर्चा की जाएगी.
वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मंदिर के नक्शे को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं. हालांकि कुछ दिन पहले मंदिर के स्वरूप में थोड़ा बदलाव किया गया था. बदलाव में नींव के निर्माण से पहले नींव के साथ कंक्रीट की एक बेहद मोटी दीवार बनाने का निर्णय लिया गया. ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि कुछ दिन पहले नींव की खुदाई में बालू रेत की मात्रा ज्यादा पाई गई थी. जिसकी वजह से मंदिर के पिलर और दीवार के जमीन में धंसने की आशंका जताई जा रही थी.