Ayodhya के धन्नीपुर गांव में बनने जा रही मस्जिद की नींव कल यानी Republic Day को रखी जानी है। अब इस मस्जिद को लेकर एक अहम फैसला लिए जाने पर विचार किया जा रहा है। दरअसल एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, UP सुन्नी वक्फ बोर्ड के गठित IICF (IndoIslamic Cultural Foundation) ट्रस्ट मस्जिद को स्वंतत्रता सेनानी अहमदुल्ला शाह को समर्पित करने पर विचार कर रहा है।

IICF सचिव अतहर हुसैन ने कहा है कि हमने विभिन्न प्लेटफार्म से सुझाव प्राप्त किए हैं। वह जल्द ही विचार-विमर्श के बाद एक घोषणा करेंगे। वहीं ट्रस्ट के एक सूत्र ने भी कहा “जब हम कई महीनों पहले मस्जिद के नाम पर विचार-विमर्श कर रहे थे। तब हमारी सहमति अहमदुल्ला शाह के नाम पर बनी। अहमदुल्ला शाह को प्यार से मौलवी फैजाबादी भी पुकारा जाता था।” हालांकि इससे पहले ट्रस्ट ने मस्जिद को किसी भी मुगल बदशाह के नाम से जोड़ने का खंडन किया था।

बता दें, अहमदुल्ला शाह 1787 में पैदा हुए थे। उन्होंने 1857 में हुई अंग्रेजों के खिलाफ जंग में अवध को जीत लिया था। जिसके बाद 5 जून 1858 में उनका कत्ल कर दिया गया। अयोध्या को आजाद कराने में उनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने अयोध्या को अंग्रेजों के विरूद्ध प्रतिरोध में बदल डाला था और पूरे अवध में विद्रोह की लहर ला दी थी। जिसके बाद अहमदुल्ला शाह स्वतंत्रता सेनानियों के साथ बैठकें कर उन्होंने फैजाबाद और अवध क्षेत्र के बड़े हिस्से को आजाद कराया था। ब्रिटिश अधिकारी जॉर्ज ब्रूस मल्लेसन ने अपनी 6 भागों में लिखी पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ इंडियन म्यूटिनी’ (History of the Indian Mutiny) में अहमदुल्ला शाह की वीरता और संगठनात्मक क्षमताओं के बारे बताया है.