इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP Police से सभी थानों में लगे Top-10 अपराधियों की लिस्ट हटाने को कहा है. High Court ने अपराधियों की लिस्ट हटाने के लिए राज्य के DGP को निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने डीजीपी से कहा कि पुलिस थानों से टॉप-10 अपराधियों के बारे में सूचना देने वाले बैनर हटाए जाएं.
कोर्ट ने कहा कि ये संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लघंन है. हालांकि कोर्ट ने निगरानी के लिए अपराधियों की सूची तैयार करने को गलत नहीं माना है. बता दें कि इन बैनरों में अपराधियों के नाम और पहचान के साथ ही उनके आपराधिक इतिहास की भी जानकारी है.
#Prayagraj– DGP को इलाहबाद हाईकोर्ट ने दिए निर्देश, पुलिस थानों से टॉप टेन अपराधियों के बारे में सूचना देने वाले बैनर हटा लें, कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, हालांकि अदालत ने निगरानी के लिए अपराधियों की सूची तैयार करने को गलत नहीं माना@dgpup @Uppolice pic.twitter.com/LVfjhCO3oO
— News1Indiatweet (@News1IndiaTweet) January 30, 2021
कोर्ट ने इसके लिए डीजीपी को सभी थानों के लिए सर्कुलर जारी करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट का मानना है कि थानों के बाहर अपराधियों के बारे में सूचनाएं सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करना अनावश्यक है. कोर्ट ने कहा ऐसा करना मानवीय गरिमा के विपरीत है.
थानों के बाहर याचिकाकर्ताओं के नाम:
जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की पीठ ने जीशान उर्फ जानू, बलवीर सिंह यादव और दूधनाथ सिंह की ओर दाखिल याचिका पर ये निर्देश दिया है. याचिकाकर्ताओं के नाम टॉप-10 अपराधियों की लिस्ट में प्रयागराज और कानपुर में थानों के बाहर सार्वजनिक रूप से लगाए गए हैं. याचिकाकर्ताओं ने इसी लिस्ट पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.